साध्वी प्रमुखा श्री कनकप्रभाजी का भव्य स्वागत
तेरापंथ साध्वी समाज का कुशल नेतृत्व करने वाली असाधारण साध्वी प्रमुखा श्री कनक प्रभा जी ने जब बुटीबोरी की तुलसी सिटी में मंगल प्रवेश किया तो बड़ी संख्या में उपस्थित श्रावक समाज द्वारा किए गए जय घोषों से गगन गुंजायमान हो रहा था। उनकी अगवानी में श्रद्धालु भाई बहिने बड़े उत्साह व उमंग के साथ करबद्ध खड़े थे ।नागपुर तेरापंथ समाज द्वारा आयोजित भव्य स्वागत समारोह में तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री सुनील छाजेड़ तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष श्री महेंद्र अंचलिया तथा महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती भारति बाबेल ने आह्लादित भावों से स्वागत करते प्रमखा श्री जी की विलक्षण विशेषताओं – अटूट गुरु श्रद्धा, अखंड संघ भक्ति का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धा- सेवा – समर्पण की त्रिवेणी से उपमित करते हुए वात्सल्य की प्रतिमूर्ति एवं नारी शक्ति की अनुपम मिसाल बताया। महिला मंडल की महिलाओं ने स्वागत गीत की सुमधुर प्रस्तुति दी तथा संस्था की ओर से साध्वी श्री जी को उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाने वाली एक कलात्मक भेंट दी।
पूर्व अध्यक्ष श्रीमती प्रेमलता सेठिया ने नागपुर में तेरापंथ समाज की विकास यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया ।कार्यक्रम में उपस्थित श्वेतांबर समाज के गणमान्य व्यक्ति श्री राजेंद्र जी वैद श्री महावीर जी कोटेचा श्री दिलीप जी राका श्री सुभाष जी कोटेचा ने भी प्रमुख श्री जी का भाव भीना स्वागत करते हुए श्वेतांबर समाज में तेरापंथ समाज की सक्रिय सहभागिता की तथा अनुशासित कार्यशैली की सराहना की। साध्वी श्री जी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि अहिंसा, संयम व त्याग को तो सभी धर्मों में महत्व दिया गया है परंतु अनेकांत यानी किसी एक वस्तु या प्रतिपाद्य को अनेक दृष्टियों से देखना तथा आत्म कर्तृत्ववाद यानी अपने सुख-दुख का कर्ता स्वयं को मानना भगवान महावीर द्वारा प्रदत्त यह दो ऐसे सिद्धांत है जो जैन धर्म को अन्य धर्मों से विशिष्ट बनाते हैं ।आपने सबको सम्यक ज्ञान सम्यक दर्शन व सम्यक चारित्र इस रत्न त्रयी की आराधना करने की प्रेरणा दी।
नागपुर में चातुर्मासिक प्रवास करने वाली साध्वी श्री संयम लता जी आदि 4साध्वीयों ने तथा नागपुर से संघ में दीक्षित समणी अर्हत प्रज्ञा जी ने भी उनके स्वागत में अभ्यर्थना की। श्रद्धा निष्ठ श्रावक श्री सूरजमल जी नाहटा ने स्वागत कविता प्रस्तुत की। तुलसी सिटी परिवार की ओर से श्रीमती शांति देवी छाजेड़ व स्नेहा छाजेड़ ने मातृ हृदया साध्वी श्री जी का उमड़ते भावों से स्वागत किया तथा अपने परिवार को ऐसा दुर्लभ मंगल अवसर प्रदान करने के लिए कृतज्ञता ज्ञापित की। तेरापंथ सभा सचिव श्री राकेश धाडेवा ने सबका आभार माना। कार्यक्रम का कुशल संचालन उपाध्यक्ष श्री संजय पुगलिया ने किया।