Published On : Sat, Aug 17th, 2019

वायरल ऑडियो : सुनिए कैसे मरीज को लाने पर कमीशन मांगनेवाले एम्बुलेंस चालक को डॉक्टर ने लगाई फटकार

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नागपुर: शहर में कुछ हॉस्पिटलों की ओर से नागपुर के आसपास के राज्यों के मरीज इन हॉस्पिटलों में लाने पर 20 % का कमीशन देने का लालच का वायरल रिकॉर्डिंग सामने आया था. जिसको ‘ नागपुर टुडे ‘ ने अपनी वेबसाइट में डाला था. जिसके कारण कई ऐसे डॉक्टरों की पोल खोल हुई थी. लेकिन शहर में कई ऐसे भी हॉस्पिटल है जो मरीज के सफल इलाज को ही अपना कर्तव्य मानते है.

ऐसा ही एक मामला शहर के एक बड़े हॉस्पिटल में सामने आया है. शहर के हॉस्पिटल संजीविनी जॉइंट रिकंस्ट्रक्शन इंस्टिट्यूट के कंसलटेंट जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ.सुश्रुत राजन को इस बार एक एम्बुलेंस ड्राइवर की ओर से मरीज लाने पर कमीशन मांगने की बात सामने आयी है.

डॉ.सुश्रुत की जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के मरीज को उनके हॉस्पिटल में घुटने के फ्रैक्चर के इलाज के लिए लाया गया था. मरीज का कहना था की इसी हॉस्पिटल में उनका इलाज हो. लेकिन मरीज के परिजनों के जाने बिना एम्बुलेंस के ड्राइवर की ओर से उनसे फ़ोन पर पैसे मांगे गए. इस दौरान डॉक्टर की ओर से ड्राइवर को कड़ी फटकार लगाई गई. डॉक्टर की ओर से इस बातचीत का पूरी रिकॉर्डिंग कर ली गई थी.

Also Red: 20% commission for bringing patients: Ambulance operator lodges complaint against hospital

जिसमें एम्बुलेंस ड्राइवर कहता है कि मरीज का कमीशन चाहिए था. जिस पर डॉक्टर ने उससे कहा की आप मरीज का धंदा मत करिए. आप अपने एम्बुलेंस का जो पैसा बनता है उसे ले. डॉक्टर ने उससे कहा की आप मरीज को हॉस्पिटल में लाने का कमीशन मांग रहे है लेकिन अगर उसकी जगह आपकी बहन होती तो क्या आप तब भी कमीशन मांगते क्या.

डॉक्टर ने कहा की मरीज हमारे हॉस्पिटल में है हम केवल उसके इलाज का पैसा लेंगे और किसी भी तरह से आपको इसके लिए कमीशन नहीं देंगे. इस पर ड्राइवर खुद ही डॉक्टर से बहस पर उतारू हो जाता है. लेकिन डॉक्टर उससे तो टूक कहते है की वे किसी भी तरह से उन्हें इस तरह के गलत काम के लिए पैसा नहीं देंगे.

शहर में एक ओर से जहा डॉक्टरों की ओर से हॉस्पिटल में मरीज लाने पर कमीशन का लालच दिया जाता है तो वही दूसरी ओर कई डॉक्टरों की ओर से मरीजों की सेवा का भाव ही उनके मन में है. मरीजों को लाने पर कमीशन देने की रोक पर सभी डॉक्टरों की ओर से भी इसी तरह के प्रयास की जरुरत है. जिससे की इस तरह मरीजों के साथ धोखा न हो.