Published On : Tue, Feb 27th, 2018

डीआरआई नहीं चाहती सुपारी की कालाबाजारी थमें

Advertisement

File Pic

नागपुर: गत सप्ताह तड़के तीन बजे कलमना के पुराना कामठी रोड स्थित अफजल के अनाज गोदाम में शुक्रवार देर रात आग लगी. यह गोदाम पांच मंजिला थी. जिसमें सुपारी के साथ अन्य अनाज सामग्रियां खचाखच भरी हुई थीं. आग लगते ही संबंधित प्रशासन के नुमाइंदों की उपस्थिति के समक्ष कई ट्रक सुपारियों को ट्रकों से अन्यत्र गोदामों में स्थानांतरित किया गया. इससे यह साफ़ है कि “डीआरआई” को जिले में सुपारी की कालाबाज़ारी शुरू रखने में मामले को पूर्ण समर्थन है.

बाजार से जुड़े सूत्रों की मानें तो जिले के अधिकांश अनाज गोदामों में सुपारी का ‘ब्लैक स्टॉक’ रखा हुआ है. जिले में रोजाना 3 करोड़ के आसपास सिर्फ सुपारी का काला कारोबार होता है. रोज खास तौर से वड़धामना में 500 सेस ज्यादा सुपारी से लदे ट्रक देखे जा सकते हैं.

अगर डीआरआई ने कड़क रवैय्या अपनाया तो एक दिन में नागपुर शहर समेत सुपारी की कालाबाज़ारी का पर्दाफाश हो सकता हैं. विडम्बना यह है कि सड़ी सुपारी से गुटके का निर्माण होता है. गुटकों से मुख रोग के मामले पिछले कुछ वर्षों से पांव पसारते जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पानठेले वाले अच्छी सुपारी का टुकड़ा जिसे चना कहा जाता है, उसका इस्तेमाल खर्रो तैयार करने के लिए करते हैं.

लाली व फाली का व्यापारिक गढ़ है नागपुर

नागपुर में गुटका और खर्रो के शौक़ीन लाखों में है. इन शौकीनों के मुख कम ही पूरी तरह खुल पाते हैं. इन सब के बाद न डीआरआई और न ही केंद्र या राज्य सरकार सुपारी की कालाबाज़ारी और गुटका निर्माण करने वाली कंपनियों पर ताउम्र प्रतिबन्ध लगाने के लिए पहल करती है. हां, यह जरूर करती है कि जब स्वास्थ्य संबंधी मामला उछला तो गुटका व खर्रा बेचने वालों को आर्थिक रूप से तंग जरूर करते देखा गया है.

ऐसा ही कुछ हाल शराब के मामले में प्रकाश में आया. शराब निर्माताओं को प्रोत्साहन और शराब पीने वालों को ड्रंक एंड ड्राइव के मामले में गिरफ्तार कर लंबा चौड़ा जुर्माना वसूला जा रहा है. कहा जाता है कि जितने का पिया नहीं उसका 10 गुणा वसूल करने में कोताही नहीं बरती जाएगी.