नागपुर – जिला परिषद की स्थायी समिति की बैठक कल सोमवार को होगी. वर्त्तमान पदाधिकारियों की आखिरी बैठक होगी। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद विपक्ष भी आक्रामक रुख अख्तियार करने में लगा है और शिवसेना के सदस्य भी बौखलाए हुए हैं. इसलिए स्थायी समिति की आखिरी बैठकहंगामेदार होने के संकेत है.
जिला परिषद के मौजूदा पदाधिकारियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। 17 जुलाई को जिप अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदमुक्त हो जायेगे। 16 जुलाई को उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहे हैं. आरक्षण जारी नहीं होने के कारण अध्यक्ष का चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
पिछली बैठक में कई मुद्दे उठाए गए थे।कहा जाता है कि इनमें से कुछ मुद्दों पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है। निधि के बंटवारे को लेकर सदस्यों में कहासुनी हो गई थी। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ता में आई भाजपा को जिलापरिषद में नई ऊर्जा मिली है।
शिवसेना के इकलौते सदस्य भी वर्त्तमान सत्ताधारी कांग्रेस – एनसीपी के विरोध में खुल कर आ गए हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ सदस्य अध्यक्ष पद के लिए अपने अपने स्तर से प्रयासरत है. वे इच्छुक कांग्रेसी जिप सदस्य पद मिलने के संकेत नहीं मिलने पर पार्टी की ओर से बगावत कर सकते है.
सूत्रों का कहना है कि सत्ताधारी कांग्रेस के खिलाफ भाजपा,एनसीपी, शिवसेना सदस्य लामबंद हो रहे हैं.
ऐसे संकेत हैं कि राज्य में बदले समीकरण और जिला परिषद में बदलाव लाने की कोशिशों का सीधा असर कल सोमवार की बैठक में होगा.
एक सेवानिवृत्त अधिकारी के निष्कासन का मामला इन दिनों काफी चर्चे में है। साथ ही सिंचाई विभाग द्वारा किये गए अनियमितताएं भी विपक्ष का मुख्य एजेंडा होंगी.
इस आखिरी बैठक में विद्यार्थियों का गणवेश वितरण और शिक्षकों की छुट्टियों पर चर्चा हो सकती हैं। एनसीपी की भूमिका भी तटस्थ रहने की संभावना है। सत्तारूढ़ दल के भीतर एक समूह आगामी जिप अध्यक्ष चुनाव के मद्देनज़र सक्रीय नज़र आएंगे। इसलिए समझा जा रहा है कि कुछ पदाधिकारी विपक्ष से दूर रहेंगे। चूंकि यह आखिरी बैठक है, यह इस बात का संकेत है कि बैठक में जमकर हंगामा हो सकता हैं ?