Published On : Tue, Jul 13th, 2021

सुर्यलक्ष्मी कॉटन मिल में दशकों से हो रहा मजदूरों का शोषण

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– मामले से राज्य कामगार मंत्री का ध्यानाकर्षण करवाएंगे पिल्लई

नगरधन : पिछले 2 दशक से भी ज्यादा समय से सुर्यलक्ष्मी कॉटन मिल के प्रबंधन द्वारा अस्थाई मजदूरों द्वारा आर्थिक शोषण के साथ ही साथ उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा.इस सम्बन्ध में जब जब मामला गर्माया तब तब उसे विभिन्न हथकंडे अपना कर ज्वलंत समस्या को दबा दिया गया.इस सम्बन्ध में जल्द ही शिवसेना के जिला उपप्रमुख वर्द्धराज पिल्लई मुंबई स्थित राज्य कामगार से मुलाकात कर उक्त प्रकरण से उन्हें रु-ब-रु करवाएंगे और अस्थाई कामगारों को न्याय दिलवाने की कोशिश करेंगे,ऐसी जानकारी स्थाई कामगारों ने दी हैं.

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याद रहे कि उक्त मिल( SURYALAKSHMI COTTON MILL,NAGARDHAN,RAMTEK,NAGPUR) में 1000 स्थाई कामगार और 350 अस्थाई कामगार कार्यरत हैं,जो रोजाना 3-3 शिफ्ट में सेवाएं देते हैं.स्थाई कामगारों को सरकारी कामगार अधिनियम के तहत न्यूनतम वेतन दिया जाता लेकिन अस्थाई कामगारों को न्यूनतम वेतन से पिछले 1998 से वंचित रखा गया हैं.

प्रबंधन द्वारा अस्थाई कामगारों की संख्या सरकारी व्यवहार/दस्तावेजों पर 350 की बजाय 121 ही दिखाई हैं.इन सभी अस्थाई कामगारों को निम्नानुसार प्रतिदिन 394 रूपए दिया जाना चाहिए था लेकिन 260 रूपए प्रतिदिन दिया जा रहा.अर्थात न्यूनतम वेतन तो दिया नहीं जा रहा साथ ही रिकॉर्ड में 229 अस्थाई कामगारों को दर्शाया नहीं गया.इसके अलावा न इन्हें PF और न ही इन्हें ESIC की सुविधा दी जा रही.

विश्वसनीय सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त मामला जब शिवसेना के उपजिला प्रमुख वर्द्धराज पिल्लई के पास पहुंचा,उन्होंने तत्काल राज्य कामगार मंत्री से मुंबई में मुलाकात का समय लिया और वे तय समयानुसार जल्द ही मुलाकात कर उक्त अस्थाई कामगारों की ज्वलंत समस्याओं से मंत्री ध्यानाकर्षण करवाएंगे और दोषी मिल मालिक हैदरबाद निवासी परितोष अग्रवाल सह सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई सह अस्थाई कामगारों को पूर्ण बकाया राशि सह उन्हें नियमित करवाने की गुहार लगाएंगे।

उल्लेखनीय यह हैं कि प्रबंधन द्वारा उक्त अस्थाई कामगारों को न्यूनतम वेतन न देकर रोजाना 46900 रूपए अर्थात माह के 26 दिनों में 1219400 अर्थात साल के 300 दिनों में 36,58,20,000 रूपए का बचत कर रही हैं.

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