Published On : Tue, Jul 13th, 2021

रुकमाई कोल वाशरी को मंत्री के दबाब में मिली थी मंजूरी

Advertisement

– संजय हरद्वानी का नाम सामने कर मंत्री अपना उल्लू सीधा कर रहे,मामला उठाने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष क्या पीछे हट गए ?

नागपुर : ऊर्जा मंत्रालय का विवादास्पद दलाल संजय हरद्वानी की वर्त्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में एकतरफा तूती बोल रही हैं,फिर टेंडर आवंटन मामला हो या फिर भुगतान जारी करवाने का.इसके पहले भी वे अपने करीबी मंत्री के लिए उगाही का सम्पूर्ण जिम्मा संभाले हुए थे,यह जिम्मेदारी अपने कांधों पर लेने के लिए इन्होने बड़ी त्याग की जो असहनीय हैं.

Gold Rate
13 May 2025
Gold 24 KT 94,300/-
Gold 22 KT 87,700/-
Silver/Kg 97,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

इनके कारनामों से खुश होकर मंत्री ने इसकी ही आड़ में एक कोल वॉशरी हथियाने का षड्यंत्र रचा.

क्यूंकि कोल वॉशरी के संचलन के लिए अनुभव की अनिवार्यता हैं,इसलिए संजय हरद्वानी के नाम कोल वॉशरी दिलवाने के लिए एक JV (संयुक्त उद्यम) की गई,वह भी पिछले समय जिस कंपनी को BLACKLIST की गई थी.जिसकी शिकायत खुद कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्यमंत्री से करते हुए कोल वॉशरी को मंजूरी न देने की मांग की थी,जो बाद में शांत हो गए ?

दूसरी ओर उक्त कोल वॉशरी को अन्य कोल वॉशरी के पूर्व अतिशीघ्र मंजूरी मिले इसके लिए मंत्री ने खुद खनिकर्म महामंडल पदाधिकारी/अधिकारी पर दबाव बनाया था.जिसके कारण इन्हे 20 % कोयला वाश कर महानिर्मिति को देने का ठेका दिया गया.इसमें राजनैतिक स्तर पर बड़ी धांधली हुई हैं.
सवाल यह उठता हैं कि पटोले की गंभीर शिकायत को मुख्यमंत्री ने कितनी गंभीरता से लिया,हरद्वानी की कंपनी ने किस BLACKLIST कंपनी के साथ JV किया था ?

उल्लेखनीय यह हैं कि वर्त्तमान में शुरू कोल वॉशरी से कोयला धोकर/क्रश कर महानिर्मिति ले जरूर रही लेकिन उन्हें समय दर समय भुगतान नहीं कर रही,नतीजा कोल वॉशरी आर्थिक अड़चन से गुजरने के कारण समय पर कर्मियों सह अन्य को भुगतान नहीं कर पा रही.ऐसा ही आलम रहा तो वह दिन दूर नहीं कि कोल वॉशरी पर ताला लग जाए !

कोल वॉशरी के नाम पर कोयले की हेराफेरी

चंद्रपुर-यवतमाल जिले में शुरू हुई कोल वॉशरी में पत्थर युक्त कोयला मिलावट की खबर सामने आई हैं.कोल वॉशरी को उपलब्ध होने वाला बढ़िया ग्रेड का कोयला खुले बाजार में बेच दिया जाता हैं.और घटिया कोयला/कोयलायुक्त पत्थर बिजली उत्पादन के लिए पावर प्लांट के नाम मढ़ दिया जाता हैं.
चंद्रपुर-यवतमाल जिले के वेकोलि से महाजेनको को कोयले की खेप पहुँचाने की जिम्मेदारी संजय की रुकमाई इंफ्रास्टक्चर प्राइवेट लिमिटेड,सह अन्य 2 को मिला हुआ हैं.ये कंपनी पिछले 4-5 माह से महाजेनको को रेलवे द्वारा कोयला आपूर्ति कर रही.महाजेनको को आसपास के मंडी आदि से कोयला युक्त पत्थर भरकर भेजा जाता हैं,जिससे बिजली उत्पादन में बाधा तो आ रही,खर्च भी बढ़ गया हैं.’एमओडीआई फाउंडेशन’ ने उक्त प्रकरण की जाँच की मांग मुख्यमंत्री से की हैं,समय रहते ठोस पहल नहीं की गई तो ‘फाउंडेशन’ न्यायालय की शरण में जाएगा,जिससे होने वाली नुकसान के जिम्मेदार WCL,MAHAGENCO,MSMC और सम्बंधित COAL WASHERY की होगी।

Advertisement
Advertisement