डाक्टरों की लापरवाही
चिमूर (चंद्रपुर)। शासन का स्वास्थ के दृष्टी से बालमृत्यु और माता मृत्यु रोकने के लिए प्रयास शुरू है. स्वास्थ अभियान अंतर्गत प्रचार और प्रसार किया जाता है. फिर भी चाहिए उतनी मरीजों को सेवा नही मिलती. कभी यंत्रसामग्री तो कभी तज्ञ डाक्टरों का अभाव तथा डाक्टरों की लापरवाही से सेवा नही मिलने से मरीजों को दूसरे अस्पताल में रेफर करना पड़ता है. इसमें गंभीर मरीजों की मौत हो जाती है. ऐसा ही एक प्रकार चिमूर के उपजिला अस्पताल में घटा. प्रसूती के लिए आई महिला की प्रसूती के दौरान मौत हो गई तथा शिशु स्वस्थ है. पलसगांव निवासी विद्या शीलवंत पाटिल (23) मृतक महिला है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्या को 19 अप्रैल को प्रसूती के लिए उपजिला अस्पताल में भरती किया गया था. सोनोग्राफी के अनुसार विद्या की प्रसूती 24 अप्रैल को होने वाली थी. लेकिन भर्ती होने के 18 घंटे के बाद उसे दर्द होने लगा. असहनीय दर्द के बाद रक्तस्त्राव होने लगा. डॉक्टरों ने प्रसूती दौरान केस रेफर न हो इसका प्रयास किया. विद्या के पति ने पत्नी की अवस्था देखकर डाक्टरों को रेफर करने के लिए बताया. लेकिन डाकटरों ने विद्या को रेफर नही किया. इसी दौरान विद्या कमजोर हुई और उसकी मौत हो गई.
डाक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम न करते हुए रिश्तेदारों को सौंप दिया. ग्रामीण अस्पताल का रूपांतर उपजिला अस्पताल में हुआ. फिर भी उपजिला अस्पताल में दवाईयां, वैद्यकीय अधिकारी तथा यंत्रसामग्री का अभाव है. अब चिमूर का उपजिला अस्पताल मरीजों की जान लेने के कगार पर है. जिससे उपजिला अस्पताल में दवाईयां, तज्ञ डाक्टरों के खाली पद भरे ऐसी नागरिकों की मांग है.
