Published On : Sat, Mar 23rd, 2019

बिना जांचे खुलेआम बिक रहा बर्फ, अन्न विभाग का तर्क अभी चुनाव में है सभी कर्मचारी अधिकारी व्यस्त

नागपूर: नागपूर शहर में गर्मी शुरू होने के साथ ही शीतपेय की मांग बढ़ गई है. बर्फ से बने खाद्यपदार्थ और शीतपेयो को ठंडा करने के लिए जो बर्फ इस्तेमाल हो रहा है. वह अच्छा है या नहीं इसकी भी कोई जांच नहीं की जा रही है. शहर में खुलेआम यह बर्फ बेचा जा रहा है. लेकिन शहर में स्थित अन्न विभाग की और से कोई भी कार्रवाई या मुहीम नहीं छेड़ी गई है. हालांकि पिछले वर्ष अन्न विभाग की ओर से नीले बर्फ को खाने उपयोगी नहीं करने का निर्णय लिया गया था. महाराष्ट्र राज्य के अन्न सुरक्षा प्रशासन की ओर से खाने उपयोगी बर्फ और अन्य उपयोगी बर्फ बेचने पर कुछ नियम लगाए गए थे. जिसमे राज्य की अन्न सुरक्षा आयुक्त डॉ. पल्लवी दराडे ने आदेश दिया था कि खाने उपयोगी बर्फ को पिने के पानी से ही बनाया जाए साथ ही इसके वह पूरी तरह से सफ़ेद होना चाहिए और जो बर्फ खाने के लिए उपयोग में नहीं होता है उस बर्फ पर उत्पादनकर्ताओ की ओर से थोड़े प्रमाण में नीला रंग डालना (इंडिगो कारमाईन या ब्रिलियंट ब्लू एफसीएफ ) अनिवार्य किया गया था.

इस आदेश में बर्फ उत्पादकों को यह भी निर्देश दिया गया था कि अगर खाने के उपयोग में न आनेवाला बर्फ भी अगर सफ़ेद है और उसपर कोई नीला रंग न लगा हुआ होगा तो नियम के तहत उसे खाद्य बर्फ समझा जाएगा और उत्पादनकर्ता पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि नीला बर्फ दिखा नहीं है. लेकिन सफ़ेद बर्फ के नमूनों की भी जांच नहीं की जा रही है. इस बारे में अन्न विभाग का कहना है कि अप्रैल के बाद नमूनों की जांच की जाएगी. क्योंकि अभी चुनाव होनेवाले है और सभी व्यस्त है.

Advertisement

इस बारे में अन्न विभाग के सहायक आयुक्त मिलिंद देशपांडे से बात की गई तो उन्होंने बताया की 1 अप्रैल से खाद्य तेल की जांच शुरू की जाएगी. कई लोग एक ही तेल में कई बार खाद्य पदार्थ तलते है. इसके साथ ही अप्रैल के बाद बर्फ की जांच की जाएगी. अभी चुनाव होने की वजह से सभी अधिकारी और कर्मचारी व्यस्त है.

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Advertisement
Advertisement

 

Advertisement