Published On : Fri, Apr 20th, 2018

CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग पर मनमोहन सिंह ने नहीं किया हस्ताक्षर

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Manmohan Singh

नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अन्य छह विपक्षी दलों के साथ मिलकर मुहिम छेड़ दी है लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। बता दें कि राज्य सभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद और सीनियर कांग्रेस लीडर कपिल सिब्बल ने आज (20 अप्रैल) को प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर बताया कि कुल 71 सांसदों द्वारा महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया गया है। इनमें से 64 मौजूदा सदस्य हैं जबकि सात रिटायर हो चिके हैं। उन्होंने कहा कि सांसदों से हस्ताक्षर करवा कर राज्य सभा के सभापति और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू को सौंपा गया है ताकि महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जा सके। कॉन्फ्रेन्स में सिब्बल ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह द्वारा प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने के बारे में कहा कि वो पूर्व प्रधानमंत्री हैं, इसलिए जानबूझकर इस मसले पर उन्हें दूर रखा गया है।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पूर्व पीएम मनमोहन सिंह संसद के बजट सत्र के दौरान ही इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर चुके थे। उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर दस्तखत से इनकार करते हुए इसे कांग्रेस पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ बताया था। तब इस अकेले शख्स के विरोध के बाद कांग्रेस ने सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया था लेकिन अब बदली परिस्थितियों में जब सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन मुठभेड़ की सुनवाई करने वाले सीबीआई जज की तथाकथित संदिग्ध मौत से जुड़ी जनहित याचिका खारिज कर दी, तब विपक्ष ने फिर से देश के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की प्रक्रिया न केवल दोबारा शुरू की बल्कि राज्यसभा के सभापति को कार्रवाई के लिए 71 सांसदों का हस्ताक्षर युक्त नोटिस सौंप दिया है।

Kapil Sibal

कपिल सिब्बल के मुताबिक कांग्रेस समेत सात दलों के सांसदों ने इस पर दस्तखत किए हैं। इनमें एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम, बीएसपी, एसपी और मुस्लिम लीग के सांसद भी शामिल हैं। जब से जस्टिस दीपक मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने हैं, तब से किसी न किसी वजह से विवादों में हैं। इसी साल 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट में केस आवंटन में भेदभाव किया जाता है। इन चारों जस्टिसों ने तब लोकतंत्र को खतरे में बताया था और जज लोया की मौत की भी जांच कराने की मांग की थी। उसी वक्त से राजनीतिक गलियारों में चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग लाने की चर्चा चल रही थी।

सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी, पी चिदंबरम और सलमान खुर्शीद ने भी महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। सिब्बल ने बताया कि कुछ और सांसदों को अलग रखा गया है क्योंकि उनके केसेज चल रहे हैं।