जिला परिषद चुनाव पुर्व भंडारा और गोंदिया के एसपी बदले गए
गोंदिया : तीन पहियों वाली राज्य की महाआघाड़ी (त्रिशंकु) सरकार में अफसरों के तबादले का दौर बदस्तूर जारी है। पुलिस अधीक्षक रेलवे नागपुर विश्वा पानसरे (राज्य पुलिस सेवा) इनका तबादला गोंदिया जिला पुलिस अधीक्षक पद पर किया गया है। उसी प्रकार वसंत जाधव (राज्य पुलिस सेवा ) इनका तबादला मुंबई से भंडारा जिला पुलिस अधीक्षक पद पर किया गया है । कोरोना संकट के बीच गुरुवार 17 सितंबर को पुलिस उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक ऐसे 39 पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए गए।
IPS अफसरों के तबादले पर अब सियासत शुरू हो गई है विपक्ष जहां सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कोविड महामारी के बीच तबादलों की आलोचना कर रहा है वही 2 वर्ष के भीतर गोंदिया जिले के 3 पुलिस अधीक्षक बदले जाने से पब्लिक खासी नाराज है जबकि सत्ता पक्ष राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के तबादले को राज्य के हित में लिया गया पारदर्शी फैसला बता रहा है।
ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि ‘ तबादला पॉलिटिक्स ‘ से आखिर किसका भला ?
ठीक जिला परिषद चुनाव के पहले गोंदिया तथा भंडारा के एसपी बदले जाने के बाद अब विपक्षी पार्टियों को इसमें सियासत की बू नजर आ रही है,
कहीं किसी कद्दावर नेता के इशारे पर तो इन दोनों जिलों के एसपी बदल कर किसी विशिष्ट राजनीतिक दल को चुनावी फायदा पहुंचाना तो मकसद नहीं ? यह बहस भी अब सोशल मीडिया पर छिड़ गई है।
2 वर्ष में बदले गए गोंदिया से 3 एसपी
जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि जनता के हितों की रक्षा करने के बजाए अपने नैतिक स्वार्थ सिद्धि और राजनीतिक महत्वाकांक्षा के खातिर अगर तबादला पॉलिटिक्स का खेल खेलने लगें तो मामले की गंभीरता को समझा जा सकता है। गोंदिया जिले में 2 वर्षों के अंतराल के भीतर 3 आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए गए हैं।
दिलीप भुजबल पाटील के ट्रांसफर के बाद कर्तव्यदक्ष हरीश बैजल सर ने 3 अगस्त 2018 को पुलिस अधीक्षक का पदभार संभाला , 2 फरवरी 2019 को उनकी विदाई कर दी गई उनकी जगह 1 मार्च 2019 को विनीता साहू मैडम ने गोंदिया एसपी का पदभार ग्रहण किया तथा 15 जुलाई 2019 को उनका तबादला पुलिस उपायुक्त पद पर कर दिया गया तथा इनके स्थान पर मंगेश शिंदे इनकी गोंदिया जिला पुलिस अधीक्षक पद पर नियुक्ति की गई अब 14 माह पश्चात इनका भी ट्रांसफर कर दिया गया इस तरह 3 अगस्त 2018 से 17 सितंबर 2020 के दौरान लगभग 2 वर्ष के अंतराल में 3 एसपी बदले गए हैं।
जिला परिषद के चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराना बड़ी चुनौती
नक्सल प्रभावित गोंदिया जिले में कानून व्यवस्था की कई चुनौतियां हैं लिहाज़ा इसी कड़ी में महाराष्ट्र पुलिस सेवा में रहे विश्व पानसरे को गोंदिया पुलिस अधीक्षक पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
विश्व पानसरे के सामने जिले में शांतिपूर्ण तरीके से जिला परिषद के चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराना की एक बड़ी चुनौती होगी। हालांकि उन्हें 2010 से 2012 के बीच गोंदिया जिले के नक्सल क्षेत्र में फील्ड पर काम करने का व्यक्तिगत अनुभव है।
5 जनवरी 2011 को तब अप्पर पुलिस अधीक्षक ( देवरी ) पद पर रहते हुए विश्व पानसरे के नेतृत्व में टॉप रैंक के ३ नक्सलियों सहित ५ खूंखार नक्सलियों की गिरफ्तारी सौंदड़ से की गई थी।
उसी प्रकार 13 मई 2012 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक चंद्र किशोर मीणा के मार्गदर्शन तथा विश्व पानसरे के नेतृत्व में चिचगढ़ थाना अंतर्गत आने वाले धमदीटोला से इस्तारी गांव के बीच डाबरी सड़क के भीतर भू- सुरंग लगाकर दो स्टील के बड़े डिब्बों के बीच छिपाकर रखे गए 20 किलो खतरनाक आईडी एक्सप्लोसिव विस्फोटक (बारूद) को वक्त रहते बरामद कर नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया गया था।
विशेष उल्लेखनीय है कि विश्व पानसरे इन्हें नक्सल प्रभावित गोंदिया जिले में काम करने अनुभव है और जिले की समस्याओं से भी वे वाकिफ रहे हैं संभवत यही वजह है कि उनकी नियुक्ति जिला पुलिस अधीक्षक पद पर की गई है।
रवि आर्य