192 परिवार बाधित, अभीतक पुनर्वसन नहीं
हिंगणा (नागपुर)। हिंगणा तहसील के समीप बेस खापरी (गांधी) गांव को कृष्णा नदी के महाप्रलय से 19 जुलाई 2013 को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुचाया था. लेकिन शासन की ओर से इन प्रकल्प ग्रस्तों को कोई मदद नहीं दी गयी तथा उनके पुनर्वसन का सवाल भी जस का तस बना हुआ है.
इस महाप्रलय ने खापरी (गांधी) के 192 परिवारों को रास्ते पर ला खड़ा किया. उनमें से 20 परिवारों को 15,000 हजार रूपये की प्रत्येक परिवार को मदद शासन की ओर से दी गयी थी. बकाया 172 के आसपास परिवारों को तीन से चार हजार रुपयो तक मदत की गयी थी. इनमे से बहुतांश परिवारों पर अन्याय होने की भावना उनके दिलों में है.
इस महाप्रलय में गांव की जिप स्कुल पुरी तरह से बह गयी. बहुतांश घरो मे कमर छाती तक पानी भरने से अनाज, कपडे आदि घर की सभी चीजे बह गयी. केवल तन के कपडे थे. उनको रात के अंधेरे मे पहाड पर सहारा लेना पड़ा. नदी के ऊपर की पुलिया भी टुट गयी. बिजली के खम्बे भी जमीनदोस्त हो गए. खेत की फसल बरबाद हो गयी थी. परिसर के अनेक स्वयंसेवी संघटना तथा सामाजिक संघटनाओ ने चंदा इक्क्ठा कर गांव के लोगों के भोजन की व्यवस्था की थी.
इस पुरे उद्धवस्त हुए गांव को केंद्रीय जाँच पथक के साथ पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने भी भेंट दी थी. मदद 20 परिवारों को की जिनके घर पूरी तरह से बह गए थे. जिनके जानवर मर गए थे उन का पंचनामा नहीं होने से कोई भी मदत नहीं की गयी. जिससे लोग नाराज है. 19 जुलाई जैसी आपदा फिरसे आ सकती है. गांव का स्थान पूरी तरह से खतरे में है, गांव को सुरक्षीत स्थान पर हटाया जाये यह मांग यहां के नागरिकों ने की है.

