Published On : Tue, Jan 29th, 2019

जब नितिन गड़करी को जॉर्ज से मिलने के लिए लगानी पड़ी थी शिफारिश

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नागपुर: जॉर्ज फर्नांडिस नहीं रहे। मंगलवार को 88 वर्ष की उम्र में उनका स्वाइन फ्ल्यू की वजह से निधन होगा। भारतीय रेल के इतिहास में पहली और अब तक की अंतिम हड़ताल के नायक रहे जॉर्ज नौ बार लोकसभा के सांसद रहे। जॉर्ज के निधन पर उनसे जुड़े रहे और अन्य राजनेता अपनी संवदेना प्रकट कर रहे है। नागपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री जॉर्ज को अपना गुरु मानते है। लेकिन जानकर आश्चर्य होगा की राज्य में कद्दावर मंत्री रहने के बावजूद जॉर्ज से मिलने के लिए उन्हें सिफारिश लगानी पड़ी थी। नागपुर में लोहिया अध्ययन केंद्र के सचिव हरीश अड्यालकर उन गिने चुने लोगों में से है जिनसे जॉर्ज की निकटता रही। अड्यालकर ने बताया कि जॉर्ज की एक ख़ासियत थी वो किसी से भी बेहद कम बात करते थे। विशेष तौर से उनसे जिनसे उनका व्यक्तिगत परिचय न हो। यात्रा के दौरान जॉर्ज किताबें पढ़ते थे। एक बार किसी कार्यक्रम के लिए जॉर्ज विमान से यात्रा कर नागपुर आ रहे थे। उसी विमान में महाराष्ट्र के तत्कालीन सार्वजनिक निर्माण मंत्री नितिन गड़करी भी सवार थे। गड़करी अपने कामों की वजह से तब देश भर में प्रसिद्ध हो चुके थे। बावजूद इसके एक साथ यात्रा कर रहे दोनों के बीच संवाद नहीं हो पाया। नागपुर आ रहे जॉर्ज को लेने के लिए एयरपोर्ट पर हरीश अड्यालकर भी पहुँचे थे। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही नितिन गड़करी को अड्यालकर दिखाई दिए। उन्हें पता था कि अड्यालकर जॉर्ज के करीबी है और उनकी कही बात को नजरअंदाज नहीं करते। गड़करी ने तुरंत अड्यालकर से जॉर्ज से मिलाने की गुजारिश की। तब हरीश अड्यालकर ने दोनों का परिचय कराया। एयरपोर्ट पर चंद मिनट की बातचीत हुई। बालाघाट में किसी कार्यक्रम में जाने के लिए हो रही देरी की बात कह कर जॉर्ज चल दिए। तब गड़करी ने जॉर्ज को रात का भोजन उनके यहाँ करने का आग्रह किया। जिसे जॉर्ज ने स्वीकार कर लिया। इस रात जॉर्ज फर्नांडिस और हरीश अड्यालकर ने गड़करी के महल स्थित निवास पर जाकर भोजन किया।

नितिन गड़करी जॉर्ज को अपने गुरु और आदर्श के रूप में मानते है। पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री बनने के बाद गड़करी ने सबसे पहले जिन लोगों से मुलाकात की उनमे जॉर्ज प्रमुखता से शामिल रहे है। जॉर्ज के निधन पर गड़करी ने कहाँ कि जॉर्ज मेरे आइकॉन थे। हमने देश के एक बड़े नेता को खो दिया है। लोकतंत्र और देश के लिए उनका जीवन समर्पित था। समाजवादी आंदोलन से जुड़े जॉर्ज ने मजदूरों को न्याय दिलाने का काम किया।