Published On : Tue, Jun 26th, 2018

ये क्या हो रहा है सीएम की सिटी में, एक साथ तीन एटीएम मशीनों से लुटेरों ने उड़ाये 55 लाख

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नागपुर: उपराजधानी भले ही राज्य का प्रमुख शहर होने का माद्दा वर्त्तमान में रखता हो लेकिन यहाँ आये दिन होने वाली वारदातें सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करती है। सोमवार-मंगलवार रात को बेखौफ लुटेरों ने उत्तर नागपुर में एक साथ तीन एटीएम मशीनों से लगभग 55 लाख रूपए उड़ा दिए। इस वारदात से शहर पुलिस के होश भी उड़े गए है। जिस जगह लुटेरों ने वारदात को अंजाम दिया उससे ग्रामीण पुलिस का मुख्यालय कुछ ही दूरी पर है। इलाके में अक्सर पुलिसकर्मियों की चहल पहल रहती है। वारदात को लेकर जो जानकारियाँ सामने आ रही है उससे आरोपियों द्वारा सोच समझ और प्लानिंग के साथ डकैती डालने की बात स्पस्ट होती है।

कयास है की पांच से छह डकैतों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने पहले जरीपटका थानांतर्गत पाटनकर चौक के पास मिसाल लेआउट के एसबीआई बैंक के एटीएम सेंटर को निशाना बनाया। इस सेंटर में दो एटीएम मशीनें लगी थी। जिसमे से 43 लाख 45 हज़ार रूपए लुटे गए। इसके बाद आरोपी पास के ही पावरग्रिड चौक में स्थित एटीएम पहुँचे। यह एटीएम भी एसबीआई बैंक का था यहाँ से करीब 11 लाख 93 हजार 900 रूपए आरोपी लूट कर भाग खड़े हुए। यह दोनों इलाके जरीपटका थाना की जद में आते है। जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक वारदात लगभग ढाई से तीन बजे रात की है। पाटनकर चौक में देर रात तक हलचल रहती है बावजूद इसके आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया है।

बहरहाल पुलिस ने एटीएम सेंटर में लगे सीसीटीवी फ़ुटेज को बरामद कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। लेकिन एटीएम के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे से प्राप्त सुराग पर पुलिस ने मीडिया से जानकारी साझा नहीं की है। पाटनकर चौक में लगे एटीएम सेंटर के बहार लगे सीसीटीवी कैमरे से बरामद फ़ुटेज में एक कार एटीएम के पास आती दिखाई दे रही है। जिसे लेकर पुलिस को शक हुआ कार की नंबर प्लेट की जाँच करने पर पता चला की नंबर गलत है।

ख़ास है की लुटेरों ने जिन एटीएम सेंटर को निशान बनाया था वहाँ सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं थे। जिससे साफ़ होता है की लुटेरों ने वारदात को अंजाम देने के पहले इलाके, एटीएम सेंटर और भागने की प्लानिंग पहले ही बना रखी होगी। एटीएम में लूट की वारदात की जानकारी उस वक्त लगी जब बैंक के कर्मचारी एटीएम रिफिल ( मशीन में पैसे डालने ) सुबह लगभग 11 बजे पहुँचे। तब तक स्थानीय निवासियों को भी इस बात की भनक तक नहीं लगी थी।

जरीपटका थाने के जद में आने वाले इलाको में इस तरह की वारदात कोई नई नहीं है। इससे पहले भी 28 सितंबर 2016 को मण्णपुरम गोल्ड लोन की शाखा से लगभग 9 करोड़ रूपए की कीमत के माल पर लुटेरों ने दिन दहाड़े डाका डाला था। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री के शहर की पुलिस पर दबाव बढ़ गया है। पुलिस का दावा है मामले के आरोपी जल्द उसकी गिरफ़्त में होंगे।