Published On : Wed, Jun 27th, 2018

नागपुर: मॉनसून कमजोर, जलाशयों में पानी नहीं

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नागपुर : लगातार दूसरे साल पूर्वी विदर्भ के नागपुर डिविजन में बड़े बांधों के जलाशयों में पानी का स्तर नीचे पहुंच गया है। इस साल मॉनसून समय पर आ गया लेकिन बीच में दो हफ्ते बारिश न होने से जलाशयों में पानी का स्तर नीचे चला गया है। अमरावती और नागपुर डिविजन में कृषि विभाग के सूत्रों के मुताबिक बारिश और सिंचाई के पानी की कमी से किसानों को बुआई में देरी हो रही है। बता दें कि केवल 40 प्रतिशत क्षेत्र सिंचाई के अंतर्गत आने से मॉनसून पर बुआई की निर्भरता होती है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक नागपुर में 18 बड़े बांधों में पानी 12.52 प्रतिशत रह गया है जबकि मॉनसून का पहला महीने खत्म होने को है। हालांकि, पानी का स्तर पिछले साल इस समय 10 प्रतिशत ही रह गया था। विदर्भ के इस हिस्से में 18 बांधों की कुल क्षमता 2,964 मिलियन क्यूब मीटर (MCM) है लेकिन इसमें से केवल 371 (MCM) पानी रह गया है। हालांकि, पिछले साल यह मात्रा 291 (MCM) रह गई थी।

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जलवायु परिवर्तन की ओर इशारा
इससे पहले 2016 में स्टोरेज रीडिंग 617 (MCM) थी जो उससे तीन साल पहले (1000 (MCM)) के मुकाबले सबसे कम थी। इससे पिछले तीन साल में जून के आखिरी वक्त में जलाशयों में पानी के स्तर में आई कमी से मॉनसून पैटर्न में आए बदलाव की ओर इशारा करती है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह जलवायु परिवर्तन का असर हो सकता है।

बुआई में देरी
इस साल मौसम विभाग ने किसानों को जून के आखिरी हफ्ते में खरीफ की फसल की बुआई की सलाह दी है जब बारिश नियमित रूप से होने लगे। अमरावती डिविजन में यवतमाल को छोड़कर बाकी इलाकों में 30 प्रतिशत से कम किसानों ने बुआई शुरू की है जबकि यवतमाल में 40-50 प्रतिशत बुआई की गई है। नागपुर में 36 प्रतिशत बुआई की गई है। अच्छी फसल के लिए बुआई का समय काफी महत्वपूर्ण होता है लेकिन मॉनसून में देरी से किसानों की चिंता बढ़ रही है।

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