Published On : Wed, Nov 18th, 2020

लाखों ग्राहकों की उम्मीदों पर फेरा पानी: लॉकडाउन में आए बिजली बिलों में अब नहीं मिलेगी राहत

नागपूर : लॉकडाउन में आए नागरिकों को हजारों रुपए के बिजली के बिलों में छूट की बात अब केवल जुमला साबित हो रही है. जिसके कारण अब महावितरण द्वारा बिजली बिल भरने के लिए तीन हफ्तों के तौर पर बिजली बिल भरने की अपील की है.

राज्य के ऊर्जामंत्री डॉ. नितिन राऊत ने दावा किया था की राज्य सरकार लॉकडाउन के समय के बिजली के बिलों में छूट देकर दिवाली का तोहफा नागरिकों को देगी. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. राऊत ने मुंबई में यह स्पष्ट किया है की बिजली कंपनियों की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. कंपनी पर कर्ज का पहाड़ है. केंद्र सरकार की ओर से किसी भी तरह की कोई मदद नहीं की गई है. जिसके कारण राज्य सरकार बिजली बिलों में छूट नहीं दे सकती. राऊत की इस घोषणा के कारण ग्राहकों ने जो 4 महीनों से उम्मीद पाली थी, उसपर पानी फिर गया है. अब महावितरण ने मंगलवार से बिल वसूली की मुहिम शुरू की है.कंपनी ने कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ने का हवाला देते हुए उन्हें हफ्ते के हिसाब से तीन हफ्ते के तौर पर बिजली का बिल भरने की घोषणा की है. हफ्ते को मंजूरी मिलने के बाद 7 दिनों के भीतर 30 प्रतिशत बिल की रकम डाउन पैमेंट के रूप में भरनी होगी. जिन ग्राहकों की बिजली बिल न भरने के कारण काट दी गई है, उन्हें भी हफ्तों में बिल भरने की रियायत मिलेगी.

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बिजली बिलों में छूट नहीं देने के कारण विपक्षी पार्टियों के नेताओ ने राज्य सरकार पर नाराजगी जताई है. सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने कहा कि यह लोगों को धोखा देने वाली सरकार है. जबकि विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रविण दरेकर ने कहा कि यह बेशर्म सरकार है, जो लोगों से वादा कर उसे पूरा नहीं करती. भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि कोराना काल में गलत बिजली बिल भेजने के बाद बिजली बिल में सहुलियत देने का वादा कर अब वादे से मुकरने वाले ऊर्जामंत्री राऊत के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाऊंगा. उन्होंने कहा कि इस सरकार की नौटंकी सामने आ चुकी है.

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