अकोला। खुले में शौच मुक्त तथा स्वच्छ भारत का सपना केंद्र सरकार की ओर से देखा जा रहा है, लेकिन यह सपना कैसे साकार होगा यह सवाल अब उठने लगे हैं. जिन आंगनवाडियों में बचपन खिलता है उन्हीं में स्वच्छता गृह की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है. अकोला जिले में 1387 आंगनवाड़ियों में आज भी स्वच्छता गृह नहीं है. ऐसी स्थिति होने के बावजूद शासन व प्रशासन आंगनवाडी कर्मचारियों के घरों में व्यक्तिगत शौचालय होने की अपेक्षा व्यक्त करता है. देखा जाए तो पहले आंगनवाडी केंद्रों में स्वच्छता गृह का निर्माण कर इसकी बुनियाद रखनी चाहिए लेकिन यह बात अलग है कि आंगनवाडियों में पानी की सुविधा भी नदारद है.
अकोला जिला परिषद अंतर्गत कार्यान्वित स्वच्छ भारत अभियान कक्ष की ओर से खुले में शौच मुक्त गांवों के लिए विविध जनजागृति कार्यक्रम कार्यक्रम लिए जा रहे है. इस बीच प्रशासन ने जिला परिषद, ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति सदस्यों के लिए व्यक्तिगत शौचालय अनिवार्य किया. पश्चात हुए सर्वे में कई ग्राम पंचायत सदस्यों के यहां शौचालय न होने की बात सामने आई, जिससे उन पर अपात्रता की गाज गिरने तक नौबत आ पडी है. जहां शासन इस प्रकार पदाधिकारी, अधिकारी, कर्मचारियों को व्यक्तिगत शौचालय को लेकर कडाई कर रही है, वहां दूसरी ओर जिले की लगभग सभी आंगनवाडियों में शौचालय की व्यवस्था ही नहीं है. कुछ वर्ष पूर्व शासन की ओर से आंगनवाडियों में स्वच्छता गृह के निर्माण के लिए अनुदान उपलब्ध कराया गया था, लेकिन कई ग्राम पंचायतों की ओर से आंगनवाडियों में स्वच्छता गृह का निर्माण ही नहीं किया गया. जिन आंगनवाडियों में स्वच्छता गृह का निर्माण करवाया गया द्धाा वह देखभाल के अभाव में क्षतिग्रस्त होकर बंजर पे हुए है. जिला परिषद के महिला व बाल कल्याण विभाग द्वारा किए गए सर्वे अनुसार अकोला जिले में 1250 आंगनवाडी तथा 137 मिनी आंगनवाडियां है. इस प्रकार 1387 आंगनवाडियों में से 1198 आंगनवाडियों में स्वच्छता गृह ही नहीं है. स्वच्छता गृह की बात तो दूर है पानी की व्यवस्था भी लगभग सभी आंगनवाडिया में उपलब्ध नहीं है. सर्वे अनुसार 1217 आंगनवाडियों में पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इस प्रकार सरकार का स्वच्छ भारत का सपना धूंधला नजर आने लगा है, जिसे साकार करने के लिए आंगनवाडियों के साथ ही शालाओं में बेहतर स्वच्छता गृह निर्माण करना जरूरी लगने लगा है.
364 आंगनवाडी कर्मचारियों के यहां नही व्यक्तिगत शौचालय
अकोला जिले में आंगनवाडी केंद्र एवं मिनी आंगनवाडियों में 1337 आंगनवाडी सेविका तथा 1198 आंगनवाडी सहायिका कार्यरत है, जिनमें से 364 आंगनवाडी कर्मचारियों के घर में व्यक्तिगत शौचालय की व्यवस्था नहीं है.
जिले की कई आंगनवाडियों में स्वच्छता गृहों का निर्माण किया गया था, लेकिन देखभाल के अभाव में स्वच्छता गृह क्षतिग्रस्त हो गए. वही कई आंगनवाडी केंद्रों में स्वच्छता गृह निर्माण के लिए निधि मिलनेवाला है. इसके अलावा जिन आंगनवाडी कर्मचारियों के यहां व्यक्तिगत शौचालय नहीं है उनसे जल्द से जल्द व्यक्तिगत शौचालय निर्माण करवा लेने के लिए संबंधित तहसीलों के बाल विकास प्रकल्प अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.
उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदन
महिला व बाल कल्याण विभाग, जिला परिषद अकोला