Published On : Mon, Apr 19th, 2021

रेमडेसिविर चोरी करने वाला वॉर्ड बॉय गिरफ्तार

नागपुर. शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के चलते इसकी कालाबाजारी में जुटे असामाजिक तत्व सक्रीय हो गए हैं और इसकी अवैध खरेदी-बिक्री के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसी ही एक घटना शहर के क्रीडा चौक स्थित ओजस काेविड सेंटर में घटी है. यहां
पर कार्यरत एक वॉर्ड बॉय ने एक महिला मरीज़ का इंजेक्शन चोरी किया. घटना के सामने आते ही सीसीटीवी फुटेज का निरीक्षण किया गया और जल्द ही अस्पताल प्रशासन और पुलिस आरोपी तक पहुंचने में कामयाब रही. आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने ओजस काेविड सेंटर के प्रबंधक अशोक लक्ष्मण बिसने के शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है. गिरफ्तार आरोपी महेंद्र रतनलाल रंगारी (28) है. वह विठ्ठलनगर, दिघोरी नाका का निवासी है.

बिसने द्वारा दिए जानकारी के अनुसार, मौदा निवासी रजनी नीतेश भोंगाड़े (30) को इलाज के लिए कोविड सेंटर में भरती कराया गया था. डॉक्टर ने दवाओं की सूची में रेमडेसिविर इंजेक्शन भी लिखा था. एक इंजेक्शन उनके साथ रखा गया. शनिवार शाम को अचानक उनके टेबल से इंजेक्शन गायब हो गया. रजनी ने इंजेक्शन न मिलने की बात बिसने को बताई. बिसने ने सीसीटीवी कॅमेरा फुटेज का निरीक्षण किया जिससे साफ़ पता चला को महेंद्र ने इंजेक्शन की चोरी की है. घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दी गई. इमामवाडा पुलिस घटनास्थलपर पहुँची. पुलिस ने महेंद्र के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया है और उसे गिरफ्तार किया गया है.

Gold Rate
23 Oct 2025
Gold 24 KT ₹ 1,23,300 /-
Gold 22 KT ₹ 1,14,700 /-
Silver/Kg ₹ 1,56,400/-
Platinum ₹ 60,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

कालाबाज़ारी करने वाले आरोपियों का पीसीआर 22 तक:
जरीपटका पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार अपर रेमडेसिवीर की कालाबाज़ारी करनेवाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. न्यायालय ने अभियुक्तों को 22 अप्रैल तक पीसीआर में रखने का आदेश दिया है. गिरफ्तार आरोपियों में मनीषनगर निवासी विकास उर्फ लक्ष्मण ढोकने (34), मॉडल मिल चॉल निवासी अमन जितेंद्र शिंदे (21), मार्टिननगर निवासी ईश्वर उर्फ बिट्टू मुकेश मंडल (28), कुशीनगर निवासी रजत दीपक टेंभरे (29) और अरविंदनगर निवासी रोहित संजय धोटे (20) का समावेश है. गिरफ्तार आरोपियों में 3 आरोपी धंतोली के शुअरटेक अस्पताल में कार्यरत हैं. डॉक्टर द्वारा लिखित प्रेस्क्रिप्शन जारी करने पर ही मरीज़ों को यह इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाता है.

जिन मरीज़ों को इंजेक्शन की आवश्यकता नहीं होती थी उनके इंजेक्शन आरोपी कर्मचारी विकास को बेच देते थे. विकास ग्राहकों की तलाश में रहता. एक इंजेक्शन 20 ते 25 हज़ार रुपए में बेचने का लक्ष्य था. इस गिरोह ने कितने लोगों को इंजेक्शन बेचा है और इस गिरोह में कितने सदस्य हैं, इन सब बातों की जांच पुलिस कर रही है.

Advertisement
Advertisement