नागपुर : आगामी महानगर पालिका चुनाव के लिए सभी राजनितिक दलो ने कमर कस ली है। भाजपा -कांग्रेस ने अपने अपने स्तर पर रणनीति तैयार करने में जुट गई है। नागपुर में मुख्य लड़ाई काँग्रेस-बीजेपी के बीच ही होगी। ऐसे में दोनों दल के लिए आगामी चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई से कम नहीं होगा। चुनाव से पहले राजनितिक दलो की आतंरिक गतिविधियो को लेकर कई तरह की चर्चा सामने आ रही है। हाल ही में खबर उडी की काँग्रेस के अंदर खाने में मनमुटाव बढ़ गया। जिसके पीछे दलील दी गई की हाल ही शहर की घोषित कार्यकारणी में अपने कार्यकर्ताओं को जगह ना मिलने से पार्टी के कुछ नेता नाराज़ चल रहे है।
नेताओ के आपसी मनमुटाव की खबरों से पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व संसद विलास मुत्तेमवार ने इनकार किया है। उनके मुताबिक पार्टी के नेता साथ है और आगामी चुनाव में मजबूती से प्रतिद्वंदियों के साथ दो-दो हाँथ करेगे। उन्होंने ये भी कहाँ की हो भी सकता है की किसी बात को लेकर मतभेद हो भी तो उसे चाय की चुस्कियों साथ दूर कर लिया जायेगा। मुत्तेमवार का कहना है की जमीनी स्तर का कार्यकर्ता नेता से ज्यादा काँग्रेस पार्टी के साथ खड़े है उन्ही की तरह नेता भी साथ चुनाव लड़ेंगे।
विलास मुत्तेमवार ने महानगर पालिका में सत्ता पर काबिज़ बीजेपी पर जमकर हमला बोला। बीते 10 वर्षो से मनपा में सत्ता भले बीजेपी की रही हो पर वह जनता के प्रश्नों को सुलझाने में नाकामियाब साबित हुई है। इस बीजेपी की सत्ता ने समस्या बढाई है। इसलिए अब जनता आशा के साथ काँग्रेस की ओर देख रही है। उन्हें उम्मीद है इस बार काँग्रेस वापस सत्ता में काबिज होगी। इसे नागपुर का दुर्भाग्य कहाँ जायेगा की वर्तमान में केंद्र – राज्य और मनपा में एक दल की सत्ता है फिर भी काम नहीं हो रहे। जनता को सिर्फ झूठे वादे किये जा रहे है पर जनता इस बार वादों के जाल में नहीं फसने वाली।