नागपुर : बैंकों के विलय के प्रस्ताव पर देश भर के बैंक कर्मी इस फ़ैसले के विरोध में उतर आये है। नागपुर में भी विजया बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मचारियों ने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की और विरोध किया। केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत और बैंकिंग प्रणाली के सरलीकरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों का विलनीकरण कर रही है। इस क्रम में लिए गए दूसरे फ़ैसले के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की तीन बैंकों,बैंक ऑफ़ बड़ौदा,विजया बैंक और देना बैंक का विलय किया जायेगा। इन तीनों बैंको में विलय के साथ ही तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आयेगा।
क्यूँ लिया गया निर्णय
यह निर्णय बैंकों की कर्ज देने की ताकत उबारने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी पांच अनुषंगी इकाइयों का स्वयं में विलय किया था.
साथ ही महिलाओं के लिये गठित भारतीय महिला बैंक को भी मिलाया था. योजना की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इससे बैंक मजबूत और मजबूत होंगे तथा उनकी कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी। विलय के कारणों को बताते हुए उन्होंने कहा बैंकों की कर्ज देने की स्थिति कमजोर होने से कंपनियों का निवेश प्रभावित हो रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि कई बैंक नाजुक स्थिति में है और इसका कारण अत्यधिक कर्ज तथा फंसे कर्ज (एनपीए) में वृद्धि है. उन्होंने कहा, ‘‘विलय के बाद अस्तित्व में आनी वाली इकाई बैंक गतिविधियां बढ़ाएंगी.’’ एसबीआई की तरह विलय से तीनों बैंकों के कर्मचारियों की मौजूदा सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।