गोंदिया। शरद ऋतु और फसल, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। जिले में शारदीय नवरात्रि की तैयारियां जोरों पर है मंदिरों और सार्वजनिक पेंडालों को रंगीन लाइटों और फूलों से सजाया गया है। 22 सितंबर सोमवार को भक्त ढोल- नगाड़ों और जयकारों के साथ मां दुर्गा जी की प्रतिमाओं को सार्वजनिक पेंडालों में स्थापित करने के लिए सुबह से निकल पड़े कई मंदिरों में प्रथम दिन विशेष अनुष्ठान का आयोजन गया है।
कलश स्थापना से अखंड ज्योति तक , रंग- भक्ति का संगम
मां दुर्गा जी और मां शारदा जी की प्रतिमा स्थापना से पहले जयकरों और मंत्र उच्चारण के साथ कलश स्थापित किए जाते हैं जिससे सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
प्रतिमा के पास अखंड ज्योति प्रज्वलित करने की परंपरा है नौ दिनों तक इसे सतत प्रज्वलित रखा जाता है जो मां दुर्गा का साक्षात रूप होती है , जिसका दर्शन शुभ होता है।
बता दें कि शारदीय नवरात्रि महोत्सव यह शक्ति की विजय का उत्सव है जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और यह महोत्सव 10 दिनों तक चलेगा जिसमें महा अष्टमी 30 सितंबर को होगी और महानवमी 1 अक्टूबर को मनाई जाएगी तथा 2 अक्टूबर को दशहरा होगा।
पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी समय मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था इसलिए इसे शक्ति का पर्व कहते हैं।
थीम आधारित डांडिया, हर रात रंग-बिरंगे अंदाज में जश्न
शक्ति आराधना के पर्व शारदीय नवरात्र में जहां मंदिरों और पंडालों में मां दुर्गा के जयकारे गूंज रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जिले में गरबा और डांडिया महोत्सव का रंगीन जश्न शुरू हो गया है।
जिले के करीब 40 से अधिक सार्वजनिक स्थलों पर रंग-बिरंगे पंडालों में प्रतिदिन रात को डांडिया-गरबा का आयोजन किया गया है जिसमें हजारों की संख्या में युवा, महिलाएं और बच्चे पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे, झिलमिलाती लाइटों और ढोल-नगाड़ों की थाप तथा डीजे की धुनों पर थिरकते दिखाई देंगे ।
कई गरबा आयोजन समितियां रोजाना थीम आधारित परिधान और सजावट कर माहौल को भव्य बना रही है। डांडिया महोत्सव सिर्फ नृत्य का आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है और यहां आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने मिलता है युवा पीढ़ी जहां डीजे की धुन पर गरबा करती है, वहीं वरिष्ठ महिलाएं पारंपरिक गीतों पर ताल से ताल मिलाती हैं।
पंडालों में सुरक्षा और व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए हैं , कई आयोजक समितियां रोजाना थीम आधारित सजावट कर माहौल को और भव्य बना रही हैं।
रवि आर्य