Published On : Sat, Aug 22nd, 2020

Video: Alexis hospital ने किया मानवता को शर्मसार, ज्यादा पैसों के लिए नहीं किया भर्ती, जख्मी युवक की हुई मौत

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नागपुर- डॉक्टरों को हमारे देश मे भगवान माना जाता है और हॉस्पिटलों को मंदिर का दर्जा दिया जाता है, लेकिन कुछ हॉस्पिटलों और डॉक्टरों की वजह से यह ईमानदार पेशा आज बदनाम हो रहा है. ऐसी ही बीती रात की एक घटना में शहर के मानकापुर स्थित अलेक्सिस हॉस्पिटल( Alexis Hospital) का अमानवीय और इंसानियत को शर्मसार करनेवाला रूप सामने आया है. इस हॉस्पिटल प्रबंधन के ज्यादा पैसों की मांग के कारण , एक जख्मी युवक को भर्ती नही किया गया, जिसके कारण समय पर इलाज नही मिलने की वजह से मेडिकल हॉस्पिटल (Medical Hospital) में उसकी कुछ ही देर में मौत हो गई.

पुरी घटना इस प्रकार है, सावनेर (Saoner ) में रहनेवाले हितेश नंदकुमार बंसोड़ (Hitesh Bansod ) समाजसेवा करते है और एम्बुलेंस ( Ambulance ) चलाते है, शुक्रवार की रात को वे किसी मरीज को लेकर धंतोली के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती करने आए थे, जिसके बाद वापस सावनेर (Saoner) जाते हुए , दहेगांव (Dahegaon ) के पुल पर एक युवक उन्हें जख्मी हालत में दिखाई दिया, उसका एक्सीडेंट (Accident) हुआ था, जख्मी युवक का नाम प्रवीण सिंह (Praveen Singh) था और वो हरियाणा का रहनेवाला था, उसकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई थी, बारिश तेज होने की वजह से वो काफी देर से सड़क पर तड़प रहा था, लेकिन किसी ने उसकी मदद नही की, लेकिन हितेश बंसोड़ ने अपनी एम्बुलेंस रोकी और राहगीरों की मदद से उसे मानकापुर स्थित अलेक्सिस हॉस्पिटल (Alexis Hospital ) लेकर गए. जब हितेश जख्मी प्रवीण को अलेक्सिस हॉस्पिटल ( Alexis Hospital ) लेकर गए तो वहां के डॉक्टरों ने हितेश से कहा कि यह कौन है, इसका पैसा कौन देगा, और इसके परिजन कहा है, हितेश ने उन्हें बताया कि मैंने इसके भाई से बात की है, यह ट्रकचालक है, यह सीरियस है, आप इसका इलाज शुरू करवाईये, लेकिन हॉस्पिटल का डॉक्टर नही माना और इलाज से पहले पैसे जमा करने के लिए कहने लगा, हितेश ने उसके पास रखे 20 हजार रुपए जमा करने की बात कही तो पैसों के लालची डॉक्टर ने कहा कि 20 हजार रुपए देने से क्या होगा, इस मरीज के लिए 45 हजार रुपए पहले काउंटर पर जमा करिये, लेकिन 45 हजार रुपए हितेश के पास नही होने की वजह से और जख्मी प्रवीण की हालत और ज्यादा खराब होने की स्थिति में हितेश ने उसे एम्बुलेंस में डाला और मेडीकल हॉस्पिटल (Medical Hospital) लेकर गए. यहाँ लेकर जाने के बाद कोई भी कर्मचारी जख्मी प्रवीण को उठाने या फिर हितेश की मदद करने नही आए, इसके बाद एक दूसरे युवक की मदद से उसे रात करीब 1 बजे मेडिकल हॉस्पिटल के अपघात विभाग में डॉक्टर को दिखाया गया, लेकिन डॉक्टर उसको हाथ लगाने को तैयार नही थे, उनका कहना था कि दूसरे डॉक्टर आकर मरीज को देखेंगे, लेकिन प्रवीण की हालत बिगड़ते देख, हितेश ने मौजूद डॉक्टर से कहा कि उसका इलाज करिये नही तो वो मर जायेगा, इसके बाद उसका थोड़ा बहोत इलाज किया गया, लेकिन कुछ ही देर बाद जख्मी प्रवीण की मौत हो गई. जख्मी प्रवीण की मौत के लिए पूरी तरह से अलेक्सिस हॉस्पिटल (Alexis Hospital ) और मेडिकल हॉस्पिटल (Medical Hospital) के डॉक्टर जिम्मेदार होने का आरोप हितेश नें इनपर लगाया है.

हरियाणा (Haryana) में रहनेवाला प्रवीण सिंह ( Praveen Singh ) जो ट्रकचालक था और कोराडी रोड की किसी कंपनी में ट्रक छोड़ अपने भाई से मिलने नागपुर आ रहा था, इसी बीच उसका एक्सीडेंट ( Accident) हो गया. हरियाणा (Haryana) में रहनेवाला प्रवीण सिंह (Praveen Singh) सड़क पर तड़पता है और सावनेर (Saoner ) में रहनेवाला हितेश बंसोड़ ( Hitesh Bansod) बिना किसी रिश्तेदारी के और बिना किसी संबंध के तेज बारिश में प्रवीण को हॉस्पिटल लेकर जाता है और हॉस्पिटल में लेकर जाकर अपनी तरफ से 20 हजार रुपए भरने के लिए भी तैयार हो जाता है, लेकिन हॉस्पिटल के लालच में वो प्रवीण को नही बचा पाता है. इस घटना के बाद हितेश बंसोड़ ( Hitesh Bansod) काफी दुखी है, उसे ऐसा भरोसा है कि अगर अलेक्सिस हॉस्पिटल (Alexis Hospital) ने ज्यादा पैसों की मांग नही की होती और प्रवीण का प्राथमिक उपचार किया होता तो प्रवीण जिंदा होता. हितेश का कहना है कि प्रवीण को वो भले ही जानता नही था , लेकिन उसे इतना पता चला है कि प्रवीण के हरयाणा में फैमिली है और छोटे छोटे बच्चे है.

एक साधारण युवक जो एम्बुलेंस (Ambulance) चलाता है, और उस अंजान व्यक्ति को बचाने के लिए रात की तेज बारिश में भागदौड़ करता है, अपनी मेहनत के 20 हजार रुपए भी उस अंजान प्रवीण के इलाज के लिए देने के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन करोड़ो रुपए कमानेवाले कुछ निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों में इंसानियत पूरी तरह मर गई है, इस घटना के बाद यह दिखाई दे रहा है.

इस पूरे मामले में अलेक्सिस हॉस्पिटल (Alexis Hospital ) के प्रबंधन (Management) से संपर्क किया गया, लेकिन इस मामले को लेकर उनकी ओर से किसी भी तरह का कोई भी प्रतिसाद नही दिया गया.