Published On : Sat, Aug 22nd, 2020

मराठा साम्राज्य का सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध चांदी का सिक्का “श्री गणपति”.

18 वी शताब्दी में मुगल बादशाह शाह आलम – दुतिय. जिसका कार्यकाल सन 1759 से 1806 तक था. उन्हीं के कार्यकाल में मराठा शासन में मिरज संस्थान के पटवर्धन जिनके आराध्य देव श्री गणपति थे उन्होंने ये नायाब सिक्का ढलवाया.

इस सिक्के के अग्र भाग पर देवनागरी में” श्री गणपति” और फारसी ने शाह आलम बादशाह गाजी और हिजरी वर्ष 1202 अंकित है. इस सिक्के के पृष्ठ भाग पर देवनागरी में “श्री पंतप्रधान” और फारसी मे मैमनत मानुस और टकसाल का नाम मुर्तजाबाद (मिरज) अंकित हैं.

Gold Rate
24 Sept 2025
Gold 24 KT ₹ 1,14,000 /-
Gold 22 KT ₹ 1,06,000 /-
Silver/Kg ₹ 1,35,700/-
Platinum ₹ 49,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

इस चांदी के सिक्के का वजन 11.34 ग्राम. हैं, ये चांदी का सिक्का मिरज संस्थान के पटवर्धन ने पेशवा के लिए अपनी निष्ठा प्रकट करने के लिए ढलवाया था. “पंतप्रधान “ये पेशवा की पदवी भी थीं.

उस समय भारत में संस्थानिक शासन किसी भी राजा का हों परंतु सिक्के दिल्ली में बैठे हुए बादशाह के नाम से ही निकाले जाते थे.

By Narendra Puri

Advertisement
Advertisement