Published On : Tue, Nov 7th, 2017

एमपीएससी की परीक्षा में पिछड़ रहे विदर्भ के विद्यार्थी

Advertisement

Vidarbha MPSC
नागपुर: स्पर्धा परीक्षा कोई भी हो, उसमे विदर्भ की बात करें तो हमेशा विदर्भ पिछड़ा हुआ ही नजर आता है. एमपीएससी की परीक्षाओं में पिछले 3 वर्षों से विद्यार्थियों के उत्तीर्ण होने के प्रमाण में कोई बदलाव नहीं आया है. अभी हाल ही में संपन्न हुई पीएसआई, एएसओ( असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर), एसटीआय( सेल्स टॅक्स इंस्पेक्टर ) समेत टैक्स असिस्टेंट की पूर्व परीक्षा के रिजल्ट में यह बात सामने आई है. साथ ही इसके बैंकिंग, रेलवे स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की परीक्षा में भी विदर्भ के विद्यार्थी उदासीन दिखाई दे रहे हैं.

महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग विभाग की ओर से 16 जुलाई 2017 को 1108 पदों के लिए पुलिस उपनिरीक्षक, सहायक कक्ष अधिकारी, विक्रीकर निरीक्षक की संयुक्त रूप से पूर्व परीक्षा ली गई थी. इस परीक्षा का रिजल्ट 3,11 व 12 अक्टूबर को घोषित किया गया. इसमें विदर्भ के 11 जिला केंद्रों में से केवल 8 से 9 प्रतिशत उमेदवार ही मुख्य परीक्षा देने के लिए पात्र हुए हैं. इसमें ख़ास बात यह है कि मुख्य परीक्षा संपन्न होने के बाद यह प्रमाण और कम होनेवाला है. विदर्भ की तुलना में खानदेश, मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के जिलाकेंद्र के उत्तीर्ण विद्यार्थियों का प्रमाण काफी अच्छा है.

महाराष्ट्र के जिला केन्द्रों के मुख्य परीक्षा के लिए पात्र उम्मीदवारों की सूचि
अहमदनगर में पीएसआय 645, एएसओ के लिए 112, एसटीआय 239, अलीबाग पीएसआई 16, एएसओ 4, एसटीआय 9, औरंगाबाद पीएसआय 817, एएसओ 119, एसटीआई 247, बीड पीएसआय 114, एएसओ 25 एसटीआई 45, धुले पीएसआई 113, एएसओ 18 , एसटीआई 40, हिंगोली पीएसआय 30, एएसओ 2, एसटीआय 5, जलगांव पीएसआय 225, एएसओ 27, एसटीआई 68, जालना पीएसआय 75, एएसओ 11, एसटीआय 32, कोल्हापुर पीएसआय 806, एएसओ 133, एसटीआई 291, कुडाल पीएसआई 13 एएसओ 1, एसटीआय 4, लातूर पीएसआई 385, एएसओ 69,एसटीआई143, मुंबई मध्य पीएसआई 190, एएसओ 40,एसटीआय 89, मुंबई पश्चिम पीएसआय 119, एएसओ 18, एसटीआय 46, नांदेड़ पीएसआय 317, एएसओ 44, एसटीआय 87, नंदुरबार पीएसआय 31, एएसओ 4, एसटीआय 11, नाशिक पीएसआई 518, एएसओ 85, एसटीआई 187, नवी मुंबई पीएसआय 101, एएसओ 18, एसटीआय 41, उस्मानाबाद पीएसआय 183, एएसओ 36, एसटीआय 72, पालघर पीएसआय 20, एएसओ 7, एसटीआय 8, परभणी पीएसआय 121, एएसओ 16, एसटीआय 37, पुणे-पीएसआय 3984, एएसओ 914, एसटीआय 1770, रत्नागिरी पीएसआय 18, एएसओ 6, एसटीआई 15, सांगली पीएसआय 522, एएसओ 89, एसटीआय 189, सातारा पीएसआय 519, एएसओ 113,एसटीआय 217, सोलापुर पीएसआई 214, एएसओ 45, एसटीआई 84, ठाणे पीएसआई 242, एएसओ 49, एसटीआई 82 उत्तीर्ण हुए. कुल मिलाकर इन तीनो परीक्षाओ में पीएसआय के लिए 10 हजार 338 विद्यार्थी, एएसओ के लिए 2005 विद्यार्थी और एसटीआय के लिए 4 हजार 68 विद्यार्थी पास हुए है. तीनो में 16,411 विद्यार्थी मुख्य परीक्षा के लिए पात्र है.

विदर्भ का आकड़ा है काफी ख़राब
नागपुर में पीएसआय के लिए 199, एएसओ 39, एसटीआय 77, अमरावती पीएसआय 230, एएसओ 39, एसटीआय 79, अकोला पीएसआय 140, एएसओ 14, एसटीआय 40, भंडारा पीएसआय 30, एएसओ 3, एसटीआय 7, बुलढाणा 111,एएसओ 15, एसटीआय 33, चंद्रपुर पीएसआय 52, एएसओ 6, एसटीआय 14, गडचिरोली पीएसआय 31, एएसओ 7, एसटीआय 10, गोंदिया पीएसआय 14, एएसओ 3, एसटीआय 4, वर्धा पीएसआय 29, एएसओ 7, एसटीआय 15, वाशिम पीएसआय 97, एएसओ 27, एसटीआय 41, यवतमाल पीएसआय 128, एएसओ 11, एसटीआय 42 विद्यार्थी विदर्भ से मुख्य परीक्षा के लिए पात्र हुए है. इनमे पीएसआय के 1 हजार 61 विद्यार्थी,एएसओ 171 विद्यार्थी और एसटीआय के 362 विद्यार्थी शामिल है. कुल मिलाकर 1594 विद्यार्थी विदर्भ से मुख्य परीक्षा के लिए पात्र ठहरे है.

विद्यार्थियों ने बताए पिछड़ने के कारण
विदर्भ के पिछड़ने के अनेक कारण विद्यार्थियों द्वारा बताए गए है. 40 प्रतिशत विद्यार्थियों का कहना है कि विदर्भ में अच्छे कोचिंग सेंटर्स की कमी है और यहाँ पर योग्य मार्गदर्शन का भी अभाव है. 14 प्रतिशत विद्यार्थियों ने बताया की उपयुक्त स्टडी मटेरियल नहीं मिल पाता है. 14 प्रतिशत विद्यार्थियों ने कहा की तहसील और जिलास्तर पर स्पर्धात्मक परीक्षाओ का पूरक वातावरण नहीं मिल पाता है. 16 प्रतिशत विद्यार्थियों में नकारात्मक सोच और आत्मविश्वास की कमी भी आ चुकी है. तो वही 12 प्रतिशत विद्यार्थीयो में पढ़ाई का पूर्वनियोजन नही साथ ही 4 प्रतिशत विद्यार्थी बिना मेहनत किए शॉर्टकट इस्तेमाल को महत्व देने लगे है.

क्या कहते है जानकार
प्रतिभा इंस्टिट्यूट के डॉ. राम पाटिल ने बताया कि यहां पर विदर्भ में अच्छी कॉचिंग है. लेकिन विद्यार्थियों में पढ़ाई की नियमितता नहीं होने के कारण विदर्भ के विद्यार्थी एमपीएसी की परीक्षा में पिछे है. पिछले 3 वर्षो से 8 से 9 प्रतिशत के आकड़े में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. पुणे में एमपीएससी के लिए अच्छा वातावरण है. इसलिए वहां के विद्यार्थी आगे है.

तो वहीं प्राध्यापक घपेश धवले ने बताया की नागपुर समेत विदर्भ में लगातार पढ़ाई करने से विद्यार्थी भटकते रहे है. एमपीएससी के कुछ महीने तक पढ़ाई करते है. उसके बाद विद्यार्थियों में निरंतरता नहीं पाई जाती. विदर्भ और नागपुर में 24 घंटे तक लाइब्रेरी शुरू रहने की व्यवस्था नहीं है. यह भी एक प्रमुख कारण कहा जा सकता है, जबकि पुणे में कोचिंग सेंटर से लेकर वहां का वातावरण भी एमपीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए कारगार है.

जानकारों और विद्यार्थियों द्वारा विदर्भ के विद्यार्थियों के लिए दिए गए सुझाव
एमपीएससी परीक्षा में विदर्भ के विद्यार्थी पिछड़ रहे है. जिसके कारण वे पुणे की ओर ज्यादा तादाद में जाने लगे है. एमपीएससी के लिए पुणे न जाते हुए विदर्भ में ही विद्यार्थियों को पढ़ाई करने के लिए जानकारों और एमपीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों ने कुछ सुझाव दिए है. जानकारों का कहना है कि एमपीएससी के लिए वातावरण विदर्भ में भी तैयार हो सकता है. जिसके लिए 24 घंटो तक शुरू रहनेवाली लाइब्रेरी की आवशक्यता जिला स्तर के साथ ही तहसील स्तर पर भी प्रशासन द्वारा शुरू की जाए. विद्यार्थियों ने बताया की विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के दौरान ही स्पर्धा परीक्षा के लिए भी मार्गदर्शन करना चाहिए. कम खर्च में एमपीएससी की किताबे और जरुरी सामग्री उपलब्ध होनी चाहिए. विद्यार्थियों के अभिभावकों में जागरूकता आणि चाहिए. जिससे की वे अपने बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करे. विदर्भ के विद्यार्थियों को एमपीएससी को लेकर अपनी मानसिकता भी बदलने की जरुरत है.

—शमानंद तायडे