Published On : Tue, Jun 8th, 2021

सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख के कारण क्या पीएम मोदी ने बदल दी अपनी वैक्सीन पॉलिसी?

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सोमवार को ये निर्णय लिया गया कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा 25 प्रतिशत काम था उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी. ये व्यवस्था आने वाले दो हफ्ते में लागू की जाए. पीएम का ये बड़ा ऐलान. केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति पर वो यू-टर्न है, जो इस वक्त बहुत ज़रूरी भी था और सरकार के लिए मजबूरी भी था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की शाम देश के नाम संबोधन दिया. इस दौरान उन्होंने देश में लागू वैक्सीन नीति में बदलाव किया.उन्होंने वैक्सीन नीति फिर से बदलकर पहले जैसी कर दी. इसमें अब फिर से वही होगा कि वैक्सीन की पूरी खरीद केंद्र ही करेगा और राज्यों का काम सिर्फ टीकाकरण का होगा.

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राज्यों को अब वैक्सीन की खरीद नहीं करनी होगी, जो उनके लिए बहुत टेढ़ा काम हो गया था. इसी पर खूब राजनीति भी हो रही थी. सोमवार को ये निर्णय लिया गया कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा 25 प्रतिशत काम था उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी. ये व्यवस्था आने वाले दो हफ्ते में लागू की जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने अख्तियार किया था कड़ा रुख

पीएम का ये बड़ा ऐलान है. केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति पर वो यू-टर्न है, जो इस वक्त बहुत ज़रूरी भी था और सरकार के लिए मजबूरी भी था क्योंकि वैक्सीन की खरीद पर राज्य हाथ खड़े कर चुके हैं. वो लगातार कह रहे थे कि वैक्सीन केंद्र ही खरीदे और इसे राज्यों को बांटे.

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठा दिए थे कि वैक्सीन नीति पहली नजर में मनमानी और तर्कहीन लगती है और अदालतें इस पर मूक दर्शक नहीं हो सकतीं. क्योंकि किसी को मुफ्त टीका मिल रहा है तो किसी को भुगतान करना पड़ रहा है. वैक्सीन की एक कीमत नहीं है. 18 प्लस का टीकाकरण राज्यों के भरोसे क्यों छोड़ दिया गया.

कई हफ्ते से इन सवालों, इस पर सियासत और बड़े टकराव के बीच आखिरकार प्रधानमंत्री सामने आए और साफ कर दिया कि वैक्सीन पर अब पुरानी नीति ही चलेगी. 21 जून से देश के हर राज्य में 18 साल के लिए भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन देगी. 75 प्रतिशत हिस्सा खुद को खरीद कर राज्यों को मुफ्त देगी. किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा.

केंद्र सरकार उठाएगी खर्चा अब

वैक्सीन की खरीद केंद्र के ही हवाले होगी. खर्च भी केंद्र सरकार उठाएगी. हालांकि 25 प्रतिशत हिस्सा प्राइवेट अस्पतालों को मिलता रहेगा. लेकिन वो भी एक डोज़ की निर्धारित कीमत से 150 रुपये एक्स्ट्रा ही ले सकेंगे. प्राइवेट अस्पताल निर्धारित कीमत के बाद एक डोज़ पर 150 रुपये ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे.इसकी निगरानी राज्य सरकारों के पास रहेगी.अब राज्यों को वैक्सीन की खरीद और खर्च पर नहीं, सिर्फ टीकाकरण पर ध्यान देना होगा. अप्रैल तक यही नीति चल भी रही थी. लेकिन ये नीति बाद में बदल गई तो इसमें एक बड़ी गलती राज्यों की भी थी.

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