Published On : Fri, Mar 9th, 2018

देश में विलुप्त होती भाषा-बोलीयोके संरक्षण के लिए संघ करेगा कार्य

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नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शुक्रवार से शुरू हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में देश में विलुप्त होती विभिन्न बोलियों और भाषाओं को लेकर मंथन होगा। संघ इस दिशा में बीते काफी समय से कार्य कर रहा है। प्रतिनिधि सभा के दौरान बोलीयो भाषाओं के संरक्षण के लिए प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सहसरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि प्रतिनिधि सभा में एक मात्र विशेष प्रस्ताव लाया जा रहा है। यह प्रस्ताव भाषा, बोली की सुरक्षतिता से संबंधित है। सभा में विशेष प्रस्ताव के तहत भाषा बोली के संरक्षण का मामला चर्चा में लाया जा रहा है। सभा में भाषा, बोली को लेकर मंथन की विशेष पहल की गई है। विलुप्त होती भाषा, बोली को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ गहन चिंतन कर रहा है। संघ की सोच है कि क्षेत्रीय व आंचलिक स्तर पर बोली जानेवाली भाषा, बोलियां भारतीय परंपरा की वाहिका है। इन्हें सुरक्षित व समृद्ध रखने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। क्षेत्रीय स्तर के गीत,भजन व कहानियों को प्रोत्साहित करने के लिए संघ के कार्यकर्ता समाज के बीच जायेंगे।

संघ का हो रहा विस्तार
सरकार्यवाहक ने बताया कि संघ से युवाओं के जुड़ने की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले एक वर्ष में प्राथमिक और विशेष प्रशिक्षण वर्ग के माध्यम से 1 लाख 19 हजार 457 कार्यकर्ताओं को संघ का प्रशिक्षण दिया गया है। एक वर्ष के संघ विस्तार कार्य को देखा जाये तो नगालैंड व कश्मीर घाटी के हिस्सों को छोड़कर देश के 95 प्रतिशत जिलों में संघ के प्रशिक्षण कार्य चल रहे हैं। फिलहाल 37000 स्थानों पर 58969 शाखाएं चल रही है। दैनिक शाखा के अलावा साप्ताहिक मिलन व मासिक मिलन के तौर पर मंडली कार्यक्रम चल रहे हैं। शाखा, मिलन ,मंडली के तौर पर 83348 स्थानों पर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विशेष प्रशिक्षण के तहत पिछले वर्ष 86 स्थानों पर शिक्षा वर्ग का आयोजन किया गया। 13 स्थानों पर हिंदू स्प्रीच्यूअल सर्विस फेयर का भी आयोजन किया गया। प्रतिनिधि सभा के 1538 प्रतिनिधि भाग लेंगे। 25 महिला कार्यकर्ताओं भी इसमें हिस्सा ले रही है। पत्रकार वार्ता में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य भी उपस्थित थे।

किसान आंदोलन राजनीतिक प्रश्न
महाराष्ट्र में न्याय की मांग के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करनेवाले किसानों से जुड़े प्रश्न पर सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि यह तो राजनीतिक प्रश्न है। हालाँकि उन्होंने यह भी साफ किया की किसानों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए।