Published On : Tue, Sep 19th, 2017

नागपुर यूनिवर्सिटी यूजीसी द्वारा दिए गए कोर्सवर्क रिसर्च मेथडलॉजी को नहीं देता मान्यता

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Nagpur University
नागपुर:
  नागपुर यूनिवर्सिटी की ओर से पीएचडी के लिए कोर्सवर्क रिसर्च मेथडलॉजी करना अनिवार्य किया गया है. लेकिन इसके लिए इस वर्ष से पहले के मान्य कोर्सवर्क रिसर्च मेथडलॉजी आयसीएसएसआर ( इंडियन कॉउन्सिल ऑफ़ सोशल साइंस रिसर्च) और ऑनलाइन कोर्स की मान्यता रद्द कर दी है और अब नागपुर यूनिवर्सिटी ने ऐकडेमिक कॉलेज से 10 दिनों का कोर्स वर्क शुरू किया है. यहां से किए गए कोर्सवर्क को ही अब नागपुर यूनिवर्सिटी मान्यता देगा. इसमें नागपुर यूनिवर्सिटी का रिसर्च मेथडलॉजी के कोर्सवर्क का अपना सिलेबस है. जिसकी फीस 7 हजार रुपए है. यह फीस सभी विद्यार्थियों के लिए है. जिसमें सभी विद्यार्थी इतनी फीस नहीं भर सकते. इस बार करीब 50 विद्यार्थियों ने पीएचडी के लिए नामांकन किया है. कोर्स वर्क की बात करें तो कोर्स वह होता है जिसे पीएचडी कर रहे विद्यार्थियों को कोर्स वर्क सर्टिफिकेट विश्वविद्यालय में जमा करना होता है. कोर्स वर्क के बिना कोई भी विद्यार्थी पीएचडी नहीं कर सकता. हालांकि नागपुर यूनिवर्सिटी की ओर से शुरू किया गया कोर्सवर्क केवल नागपुर यूनिवर्सिटी में ही शुरू है और राज्य के बाकी विश्वविद्यालयों में आयसीएसएसआर और ऑनलाइन 10 दिनों का कोर्सवर्क की शुरू है. जिसके कारण दूसरे यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को अन्य विश्वविद्यालयों में कम फीस में ही कोर्सवर्क की सुविधा मिल रही है.

आयसीएसएसआर कोर्सवर्क विद्यार्थियों के लिए निशुल्क होता था. जबकि ऑनलाइन कोर्सवर्क की फीस 2050 रुपए थी और दुरुस्त शिक्षा की फीस भी 3000 हजार रुपए थी. फिलहाल दुरुस्त शिक्षा बंद हो चुका है. इसमें ख़ास बात यह है कि यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ) के निर्देश है कि पीएचडी के लिए स्टैण्डर्ड रिसर्च मेथडलॉजी कोर्सवर्क होना चाहिए. जबकि फिलहाल शुरू दोनों ही कोर्सवर्क यूजीसी के ही हैं. तो नागपुर यूनिवर्सिटी यह कैसे मानती है कि दोनों कोर्सवर्क स्टैण्डर्ड नहीं है.

इस बारे में पीएचडी करनेवाले विद्यार्थियों ने बताया कि पीएचडी के कोर्सवर्क के लिए 7 हजार रुपए फीस ली जाती है. जो हर एक विद्यार्थी के लिए देना संभव नहीं है. नागपुर विश्वविद्यालय में जो पुराने कोर्सवर्क थे, जिनकी फीस कम थी उन्हें ही मानयता दी जानी चाहिए या फिर जो ऐकडेमिक कॉलेज का दस दिनों का कोर्सवर्क है उसकी फीस 4 हजार रुपए किया जाना चाहिए. विद्यार्थियों ने यह भी बताया कि कोर्स वर्क केवल इंग्लिश में न होकर तीनों भाषाओ मराठी, हिंदी में भी होना चाहिए. जिससे अंग्रेजी न समझ पानेवाले विद्यार्थियों को परेशानी न हो.

इस बारे में नागपुर विश्वविद्यालय के प्र-कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने बताया कि यूजीसी के निर्देश पर ही ऐकडेमिक कॉलेज के कोर्सवर्क को मंजूरी दी गई है. नागपुर विश्वविद्यालय ने दूसरे कोर्सवर्क से बेहतर अपने विश्वविद्यालय का ही कोर्सवर्क रिसर्च मेथडलॉजी शुरू करने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि 7 हजार रुपए फीस जो कोर्स वर्क की ली जा रही है. उसमें कमी नहीं की जा सकती. क्योंकि दस दिनों के कोर्सवर्क के दौरान विभिन्न प्राध्यापकों को बुलाना पड़ता है और उन्हें पैसे देने होते हैं.

—शमानंद तायडे