Published On : Mon, Nov 11th, 2019

उद्धव ने शरद से मुलाकात की, सोनिया से फोन पर बात हुई; कांग्रेस की बैठक के बाद गठबंधन पर फैसला

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नई दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस से बातचीत शुरू कर दी है। पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से होटल में मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ने सोनिया गांधी से फोन पर बात की। दिल्ली में कांग्रेस की बैठक चल रही है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोनिया हर विधायक से फोन पर बात कर रही हैं। राकांपा ने कहा कि हमारे विधायक शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस बैठक के बाद जो फैसला लेगी.. वही हमें मंजूर होगा।

भाजपा-शिवसेना 30 साल में दूसरी बार अलग हो रहे हैं। दोनों दलों के बीच 1989 में गठबंधन हुआ था। 1990 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ लड़ा था। 2014 विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दल अलग हो गए थे। दोनों दलों ने चुनाव भी अलग लड़ा। हालांकि, बाद में सरकार में दोनों साथ रहे।

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झूठे माहौल में सरकार में क्यों रहें- सावंत
सावंत ने कहा- शिवसेना का पक्ष सच्चाई है। इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहे और इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। भाजपा शिवसेना के बीच सीटों का बंटवारा 50:50 प्रतिशत तय था। लेकिन नतीजे आने के बाद भाजपा ने कहा कि ऐसे किसी करार पर बात नहीं हुई। अब केंद्र में काम नहीं कर सकता हूं।

संख्या बल बताने के लिए शिवसेना के पास 7:30 बजे तक का वक्त

राज्यपाल ने शिवसेना को संख्या बल बताने के लिए शाम 7:30 बजे तक का वक्त दिया है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे सत्ता का समीकरण बनाने में पूरा जोर लगा रहे हैं। वे शरद पवार से मिलने पहुंचे हैं।
भाजपा सरकार बनाने से इनकार कर चुकी है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया है। राकांपा और कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने के लिए उसके एनडीए से अलग होने की शर्त रखी है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री सावंत ने सोमवार सुबह ट्वीट कर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था।

बदले हुए हालात में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन सकते हैं। जबकि, पहले वह अपने बेटे आदित्य ठाकरे को सीएम बनाना चाह रहे थे। उधर, इस नए गठजोड़ में उप-मुख्यमंत्री का पद राकांपा को जा सकता है। वहीं, कांग्रेस को विधानसभा में स्पीकर का पद दिया जा सकता है।
संजय राउत लीलावती अस्पताल में भर्ती

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत को लीलावती अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इससे पहले उन्होंने कहा, ”भाजपा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद बांटने के लिए तैयार नहीं है। वे किसी भी हालत में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद नहीं देंगे। चाहे उन्हें विपक्ष में ही क्यों न बैठना पड़े। ये उनका अहंकार है। इस व्यवहार को जनता के साथ धोखा कहा जाएगा या नहीं। भाजपा मानने के लिए ही तैयार नहीं तो कौन सा रिश्ता रहता है हमारा। हमसे पूछा तक नहीं गया। हमारे मंत्री अरविंद सावंत ने उद्धव ठाकरे के आदेश पर केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफ दे दिया।” राउत ने कहा कि बेहतर होता कि राज्यपाल संख्याबल बताने के लिए हमें और वक्त देते। शिवसेना को भाजपा से कम समय दिया गया है। यह महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की भाजपा की रणनीति है।

कांग्रेस 5 साल शिवसेना को परेशान न करे, तभी लोग उस पर भरोसा करेंगे: देवेगौड़ा
जेडीएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि अगर कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देती है तो 5 साल तक उसे परेशान नहीं करना चाहिए। तभी लोग कांग्रेस पर भरोसा करेंगे। बाला साहेब ने महाराष्ट्र में भाजपा को जगह दी। वायपेयी और आडवाणी ने उनके घर जाकर सीटों के लिए गुहार लगाई थी। भाजपा ये भूल गई, इसीलिए उद्धव ठाकरे ने उसे सबक सिखाने का फैसला किया है। अब कांग्रेस और राकांपा भाजपा से नीचे ले जाने के लिए साथ दे।

शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस साथ आए तो बहुमत

कुल सीटें: 288

बहुमत: 145

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