Published On : Fri, Feb 28th, 2020

महाराष्ट्र सरकार ने किया बड़ा एलान: शिक्षा और रोजगार में मुसलमानों को मिलेगा आरक्षण

Advertisement

नागपुर– शिवसेना की गठबंधन सरकार ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए मुसलमानों को शिक्षा और रोजगार में आरक्षण देने को लेकर अध्यादेश लाने का एलान किया है. आरक्षण को लेकर शिवसेना की सहयोगी एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने कहा कि आज हमने पिछली सरकार के मुसलमानों को शिक्षण संस्थाओं में 5 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय को मान्यता दी. सरकारी स्कूलों, कॉलेजों में आरक्षण देने को लेकर हाई कोर्ट ने मान्यता दी थी.

‘कानून बनाकर मुस्लिम आरक्षण को लागू करने की कोशिश’
नवाब मलिक ने आगे कहा कि नौकरी और प्राइवेट स्कूलों में आरक्षण देने पर आरक्षण देने को लेकर सरकार विचार कर रही है. उन्होंने कहा, ”मुस्लिम समुदाय के लिए शैक्षिक आरक्षण पर हाई कोर्ट ने जो सहमति दी है, उसे देखते हुए, महाराष्ट्र विकास गठबंधन सरकार जल्द से जल्द एक कानून बनाकर मुस्लिम आरक्षण को लागू करने की कोशिश कर रही है.” बता दें कि राज्य में कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना गठबंधन की सरकार है.

Gold Rate
13 May 2025
Gold 24 KT 94,300/-
Gold 22 KT 87,700/-
Silver/Kg 97,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

आरक्षण को लेकर बीजेपी का बयान
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी इस आरक्षण का विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी धर्म के आधार पर किसी भी आरक्षण का विरोध करेगी. उन्होंने कहा, ”कोई भी आरक्षण जो संविधान के खिलाफ है, उसका विरोध किया जाना चाहिए. मुस्लिमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया जा रहा है. इसलिए, हम इस आरक्षण का विरोध करेंगे क्योंकि यह संविधान-विरोधी है. हम ऐसी किसी भी चीज का समर्थन नहीं करेंगे जो संविधान विरोधी होगा.”

‘ साल 2014 में शिवसेना ने किया था विरोध’
बता दें कि साल 2014 से पहले जब सूबे में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सरकार थी, तब मराठा के लिए 16 और मुसलमानों के लिए 5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान अध्यादेश लाकर किया गया था. चुनाव हुए, तब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना गठबंधन की सरकार सत्ता में आ गई थी. नई सरकार बनने के बाद मराठा आरक्षण तो बरकरार रखा, लेकिन मुसलमानों के लिए आरक्षण पर कोई कदम नहीं उठाया. सरकार के इस कदम के बाद अध्यादेश की सीमा खत्म हो गई. जब सरकार ने यह कदम उठाया था तब बीजेपी के साथ शिवसेना सत्ता में साझीदार थी.

Advertisement
Advertisement