Published On : Tue, Sep 12th, 2017

बार्टी की बैच समाप्त हुए दो महीने बीते, विद्यार्थियों को अब तक नहीं मिला स्टायफंड

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नागपुर – डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (बार्टी ) पुणे से संचालित होती है. इसमें अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जाती हैं. जिसमें कौशल्य विकास, मार्गदर्शन व जनजागृति कार्यक्रम, समतादूत, युवा नेतृत्व, संशोधन ,ग्रंथालय स्पर्धा परीक्षा के मौके और व्यावसायिक प्रशिक्षण, जाति वैधता प्रमाणपत्र व स्कैनिंग और डिजिटायझेशन ऐसे प्रोजेक्ट हैं. इन योजनाओं को चलाने के पीछे बार्टी का उद्देश्य यह है कि अनुसूचित जाति के युवाओं में आत्मविश्वास, जानकारी व ज्ञान को बढ़ाने के साथ ही इसके अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवक और युवतियों को रोजगार देकर उन्हें सक्षम बनाना है. सामाजिक न्याय व विशेष सहाय्य विभाग महाराष्ट्र राज्य की बार्टी एक स्वायत्त संस्था है. इनकी ओर से प्रतियोगिता परीक्षाएं भी ली जाती हैं. लेकिन नागपुर में संपन्न हो चुकी क्लासेस के विद्यार्थियों को अब तक स्टायफंड नहीं मिला है. नागपुर शहर में दो जगहों पर बैंकिंग क्षेत्र, एलआईसी और रेलवे के परीक्षा से सम्बंधित क्लास होती थी. जिसकी दोनों बैच में करीब 100 विद्यार्थी थे. यह क्लास तीन महीने की थी. जिसमें प्रत्येक विद्यार्थी को स्टायफंड के तौर पर 3 हजार रुपए प्रतिमाह मिलने थे और कोर्स पूरा होने के बाद 2 हजार रुपए की किताबें यह विद्यार्थियों को निशुल्क दी जानी थी. जुलाई की 31 तारीख को इसकी तीन महीने की बैच समाप्त हुई. लेकिन दो महीने बीतने के बावजूद अभी तक विद्यार्थियों को स्टायफंड नहीं मिला है. जिसके कारण सभी विद्यार्थी काफी परेशान हैं. हालांकि विद्यार्थियों को किताबें बैच समाप्त होने के आखिरी दिन ही दी गई थी. बार्टी की इन क्लासों में पढ़नेवाले अधिकांश विद्यार्थी गरीब तबके के होते हैं, जो महंगी और बड़ी जगह क्लासेस नहीं लगा सकते हैं.

बार्टी की ओर से ली जानेवाली ज्यादातर क्लासेस बुध्द विहारों में ही ली जाती हैं. क्लास शुरू होने से पहले बार्टी की ओर से समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया जाता है. जिसके बाद विद्यार्थियों को विभिन्न क्लासेस के लिए आवेदन करने होते हैं. इसके बाद चुने गए विद्यार्थियों का एक टेस्ट सम्बंधित क्लास की ओर से होता है और उसमें विद्यार्थियों का अंतिम चुनाव होता है. विद्यार्थयों ने सभी प्रक्रिया पूरी तरह से पूरी की और तीन महीने की क्लास भी की. लेकिन अब तक विद्यार्थियों के अकाउंट में स्टायफंड नहीं आया है.

बार्टी सरकार का बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है, बावजूद इसके नागपुर शहर में इससे सम्बंधित कोई भी बड़ा अधिकारी नहीं होने की वजह से विद्यार्थीयो को यह भी पता नही चल पा रहा है कि आखिर उनका स्टायफंड क्यों नहीं आया है. इस पूरे में मामले में पुणे के बार्टी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ.वसंत रामटेके से जब बात की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि नागपुर में दो क्लासेस समाप्त हुई है और कुछ ही दिनों में दूसरी बैच शुरू हो जाएगी. अगले दो दिनों में सभी विद्यार्थियों के अकाउंट में स्टायफंड जमा हो जाएगा. हालांकि अब तक तक विद्यार्थियों को स्टायफंड क्यों नहीं दिया गया, इस बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी.

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