
कुछ महीनो पहले विश्वविद्यालय ने यह प्रणाली सभी कॉलेजों में लागू करने का निर्णय लिया था. एकेडमिक कौंसिल की बैठक में इसकी सहमति भी बनी थी. लेकिन जून में हुई सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यो की बैठक के बाद प्राचार्यों द्वारा इसका विरोध हुआ और विश्वविद्यालय ने अपना निर्णय वापस ले लिया था. 50-50 का फार्मूला तीन संकाय आर्ट्स, कॉमर्स व साइंस में लागू होनेवाला था. इसके अनुसार पहले, तीसरे और चौथे सेमेस्टरों की परीक्षाएं कॉलेज में होनी थी और यह परीक्षाएं कॉलेज लेनेवाला था. इसी तरह दूसरे, पांचवें और छटे सेमेस्टर की परीक्षा विश्वविद्यालय की ओर से होनी थी. लेकिन अब इस बारे में नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु सिद्दार्थविनायक काणे ने जानकारी हुए बताया है कि सभी कॉलेजों को इसमें शामिल होने के लिए निवेदन दिया गया था. लेकिन किसी भी कॉलेज ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई और साफ़ तौर पर मना कर दिया. अभी भी यह प्रस्ताव हमारे पास है अगर कॉलेज मंजूरी देता है तो अगले वर्ष यह शुरू करने की योजना बनाई जा सकती है.








