Published On : Tue, Sep 12th, 2017

”कभी हां कभी ना” में फंसा विश्वविद्यालय का 50-50 का फार्मूला

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नागपुर – राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की ओर से कुछ महीने पहले 50-50 का फार्मूला अपनाने का निवेदन नागपुर विश्वविद्यालय से स्लंग्नित सभी कॉलेजों को दिया गया था. इसमें सभी कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ बैठक भी की गई थी. लेकिन इस निर्णय को लेकर सभी कॉलेजों ने मना किया था. जिसके कारण यह निर्णय ठन्डे बस्ते में चला गया था. नागपुर विश्वविद्यालय की ओर से कुछ महीने पहले कुछ कॉलेजों की ओर से इसमें शामिल होने के लिए निवेदन आया था. जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि नागपुर विश्वविद्यालय में 50 -50 का फार्मूला शुरू होगा. लेकिन फिर से इस निर्णय पर ”कभी हां कभी ना” की तर्ज पर रोक लगती हुई नजर आ रही है. परीक्षा का 50-50 फार्मूला यानी स्नातक (ग्रेजुएशन ) के आधे पाठ्यक्रमों की परीक्षा लेने की जिम्मेदारी कॉलेजों की होगी और आधे सेमेस्टरों की परीक्षा की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की होगी.

कुछ महीनो पहले विश्वविद्यालय ने यह प्रणाली सभी कॉलेजों में लागू करने का निर्णय लिया था. एकेडमिक कौंसिल की बैठक में इसकी सहमति भी बनी थी. लेकिन जून में हुई सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यो की बैठक के बाद प्राचार्यों द्वारा इसका विरोध हुआ और विश्वविद्यालय ने अपना निर्णय वापस ले लिया था. 50-50 का फार्मूला तीन संकाय आर्ट्स, कॉमर्स व साइंस में लागू होनेवाला था. इसके अनुसार पहले, तीसरे और चौथे सेमेस्टरों की परीक्षाएं कॉलेज में होनी थी और यह परीक्षाएं कॉलेज लेनेवाला था. इसी तरह दूसरे, पांचवें और छटे सेमेस्टर की परीक्षा विश्वविद्यालय की ओर से होनी थी. लेकिन अब इस बारे में नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु सिद्दार्थविनायक काणे ने जानकारी हुए बताया है कि सभी कॉलेजों को इसमें शामिल होने के लिए निवेदन दिया गया था. लेकिन किसी भी कॉलेज ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई और साफ़ तौर पर मना कर दिया. अभी भी यह प्रस्ताव हमारे पास है अगर कॉलेज मंजूरी देता है तो अगले वर्ष यह शुरू करने की योजना बनाई जा सकती है.