
नागपुर. तुकाराम मुंडे को नागपुर के नए मनपा आयुक्त नियुक्त किया गया है | अनुशासन के साथ ही प्रशासकीय कामकाज में पैंठ रखने तथा बिना राजनीतिक दबाव किसी भी मुद्दे पर फैसला लेने की अपनी कार्यशैली के कारण भले ही वर्ष 2005 बैच के आईएएस अधिकारी हमेशा ही विवाद में रहे हों, लेकिन इसी कार्यशैली को देखते हुए अब राज्य में बदले सत्ता समीकरणों के कारण उन्हें नागपुर महानगरपालिका में आयुक्त बनाकर लाया गया है |
उल्लेखनीय है कि जिला परिषद में बतौर सीईओ कार्य करते समय भी मुंडे कई मामलों में राजनीतिक दलों के निशाने पर रहे हैं. अब मनपा में उन्हें भेजने की तैयारी होने की भनक लगते ही तमाम अधिकारी और कर्मचारियों के हलक सूख रहे हैं. जानकारों के अनुसार नियमों की चौखट में काम को अंजाम देने की उनकी शैली और कई बार सत्तापक्ष के विरोध में जाकर लिए जानेवाले फैसलों के कारण ही उन्हें कभी भी अधिक समय तक एक जगह नहीं रखा गया.
12 वर्षों में 12 बार तबादला
सूत्रों के अनुसार उनकी कार्यशैली की दहशत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तुकाराम मुंडे कहीं भी अधिक समय तक नहीं टिक पाए. प्रोबेशन पूरा होते ही उन्हें सर्वप्रथम 2006 में सोलापुर के आयुक्त के रूप में भेजा गया था. लेकिन वहां भी अधिक समय तक नहीं टिक पाए. अब तक उनके तबादलों का रिकार्ड देखा जाए, तो 12 वर्षों में उनका 12 बार तबादला किया जा चुका है.
जानकारों के अनुसार विशेष रूप से जनप्रतिनिधियों से हमेशा ही उनका संघर्ष होता रहा है, जिससे डेढ़ वर्ष से अधिक उन्होंने कहीं भी कार्यकाल पूरा नहीं किया. लेकिन जहां भी गए, उन्होंने अपने कार्य की छाप छोड़ी है. कार्य करते समय न केवल धांधली खत्म करने की प्राथमिकता रही है, वहीं विशेष रूप से कर्मचारियों में अनुशासन लाने का कार्य किया है. इसी कार्यशैली के चलते मनपा अधिकारी और कर्मचारियों में हड़बड़ाहट देखी जा रही है.
मंत्रालय में नहीं स्वीकारा था पदभार
नासिक महानगरपालिका के आयुक्त रहते समय वहां के सत्तापक्ष भाजपा पार्षदों के साथ उनका जमकर विवाद हुआ था. यहां तक कि विवाद को सुलझाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को मध्यस्थता करने की आवश्यकता पड़ी थी. लेकिन लंबे समय तक समझौता नहीं टिक पाया. सूत्रों के अनुसार मुंडे को कई बार उनके स्वभाव को बदलने का सुझाव भी दिया गया. लेकिन उनकी कार्यशैली नहीं बदली. हालांकि इसी के चलते एक बार उनका मंत्रालय में भी तबादला किया गया, लेकिन उन्होंने मंत्रालय में पदभार स्वीकार नहीं किया था.









