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नागपुर: सरकार की ओर से आदिवासी विद्यार्थियों के लिए डीबीटी (सीधे लाभ हस्तांतरण ) योजना चलायी गई थी. लेकिन इस योजना के कारण विद्यार्थियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. पिछले महीने हजारों की तादाद में आदिवासी विद्यार्थियों द्वारा सविंधान चौक पर आंदोलन भी किया गया था. डीबीटी योजना बंद करने के लिए आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सावरा को निवेदन भी दिया गया था. बावजूद इसके सरकार ने अब तक इनकी मांगों पर न तो ध्यान दिया गया है और न ही डीबीटी योजना बंद ही की गई है. जिसके कारण विद्यार्थी काफी नाराज हैं. आनेवाले दिनों में आदिवासी विद्यार्थियों की ओर से पूरे नागपुर जिले में तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी भी आदिवासी विद्यार्थी संघ की ओर से दी गई है.
सरकारी जीआर के अनुसार होस्टल में प्रवेश लेनेवाले विद्यार्थियों को सात दिन के भीतर इस योजना के अन्तर्गत 60 प्रतिशत अनुदान उनके खाते में जमा होने चाहिए. लेकिन होस्टल में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को कई कई महीनो तक अनुदान नहीं मिलता है. डीबीटी योजना शुरू करने से पहले इन्हे स्टेशनरी और शालेय सामग्री दी जाती थी. लेकिन अब इन्हे पैसे दिए जाते है. बीए और दूसरे संकाय के लिए वर्ष का 4500 हजार रुपए दिए जाते है. जबकि इंजीनियरिंग और मेडिकल के विद्यार्थियों को वर्ष का 6 हजार रुपए दिए जाते हैं. जबकि पहले सभी जरूरी सामग्री प्रशासन की ओर से दी जाती है. इसलिए विद्यार्थियों की मांग हैं कि पहले की ही पध्दति शुरू की जाए.