Published On : Thu, Jul 8th, 2021

ट्रवल्स माफिया गुप्ता पर ब्लैकलिष्ट का मंडराता खतरा

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नागपुर: पश्चिमी कोयलांचल-वेकोलि मे सक्रिय ट्रवल्स माफिया संदीप गुप्ता की श्री बालाजी ट्रवल्स एजेन्सी पर ब्लैकलिष्ट का खतरा मंडराने लगा है। हालांकि वह अपनी साख बचाने के उद्देश्य से वह बेफिक्र होने की नौटंकी करते फिर रहा है?क्योंकि वेकोलि अधिकारियों तथा जनता की नजर मे वह करोडपति धनाढ्य होने का जलवा दिखाकर वेकोलि प्रशासन की कमजोरी का फायदा उठाने की फिराक मै है।तथा वह चुप साधे हुए नजर आ रहा हैं।ट्रवल्स माफिया संदीप गुप्ता के एक ईमानदार चालक ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि अगर गुप्ता पर आवश्यक कार्यवाही होती है तो वेकोलि के संबंधित अधिकारियों पर भी निलंबन और संपत्ति जप्ती की गाज गिर सकती है?

प्राप्त सबूतों के आधार पर ट्रवल्स माफिया संदीप गुप्ता पर ब्लैकलिष्ट की कार्रवाई शुरु कर दी गई है।जिसमे विगत दिनांक 2 अप्रैल 2021 को वेकोलि माजरी एरिया महाप्रबंधक की ओर से जारी पत्र के मुताबिक उसे 01 वर्ष के लिए ब्लैकलिष्ट करने का चेतावनी भरा पत्र भी दिया जा चुका है। जिसमे वेकोलि के तमाम एरिया महाप्रबंधक अधिनस्थ सभी सब क्षत्रिय प्रबंधन कार्यालय में उसे ई-निविदा प्रपत्र प्रस्तुत करने से वंचित रखा है।बताते हैं कि जब वह निविदा भरने का अधिकार नही रहेगा तो वह ट्रवल्स आपूर्ति ठेका से वंचित रह जाएगा?

ठेका हडपने अन्य फर्म का दुरुपयोग
ट्रवल्स माफिया गुप्ता के करीबी ट्रवल्स एजेंसी मालिक ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि ये संदीप गुप्ता बडा ही करामाती और नौटंकीबाज है।उसकी एक ट्रवल्स एजेंसी ब्लैकलिष्ट हो जाने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता दिखाई दे रहा है? वह अन्य ट्रवल्स फर्म के नाम पर ई-निविदा प्रपत्र प्रस्तुत करने के प्रयास मे जुटा हुआ है? सूत्रों की माने तो उसने अपनी चहेती फर्म मेसर्सःअरोरा ट्रवल्स के माध्यम से टेंडर कोट करने का मन बना लिया है। जब मेसर्सःशिवशक्ति अरोरा ट्रवल्स पर भी न्युनतम वेतन चोरी, ईएसआईसी चोरी जीएसटी चोरी,और सामूहिक बीमा चोरी के आरोप मे मेसर्सःअरोरा ट्रवल्स पर जांच-पड़ताल व कार्रवाई की गाज गिरेगी तब पता चलेगा।मेसर्सःअरोरा ट्रवल्स को भी ब्लैकलिष्ट की गाज गिर सकती हैं।

केन्द्रीय श्रम आयुक्त को ठेंगा
बताते हैं कि ट्रवल्स माफिया संदीप गुप्ता ने डंके की चोट पर केन्द्रीय श्रम आयुक्त को असलियत से गुमराह करके उन्हे ठेंगा दिखाने मे कसर नही छोड़ी है।रुपयों की ताकत के बल पर वह केंद्रीय श्रम मंत्रालय तथा केन्द्रीय श्रम आयुक्त को अपनी जेब मे रखने की बातें करते रहता है। उसने वेकोलि के साईट इंचार्ज को गुलाम बनाने मे जरा सी भी कसर नहीं छोड़ी है।इतना ही नहीं ईएसआईसी अधिकारियों को वह रुपया के बल पर कार्यवाही को ठन्डे वस्ते मे करने मे लगभग सफलता हांसिल भी कर ली है? इसकी खबर केन्द्रीय सतर्कता आयोग को लग चुकी है।अब देखना है कि सतर्कता आयुक्त उस पर क्या कार्यवाई करता है?