ठवकर की पूड़ी 80 रुपये में बिक रही तो डॉलर की आज की कीमत मात्र 72 रुपये हैं
नागपुर – कोरोना के कारण डेढ़ माह से जिले समेत राज्य सह देश में लॉकडाउन हैं। इस दौरान सरकार द्वारा लगाई गई वस्तुओं की कीमतों में सोना और डॉलर से ज्यादा दर में इजाफा देखा-सुना जा रहा। आम दिनों में ठवकर की पूड़ी पानठेलों पर रुपए-2 रुपये में मिल जाती थी।एक बार खाने के लिए ठेलें वाले या किसी भी खाने वाले के सामने हाथ फैलाने से सहर्ष मिल जाया करती थी। हाथ फैलाते वक़्त अमीर-गरीब,कर्मी-आला अधिकारी के मध्य दूरियां नहीं देखी जाती थी परंतु आज ठवकर प्रेमी अड़चन में आ गए हैं, एक-एक खुराक के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा, पूड़ियां तो डॉलर से ज्यादा कीमतों में बिक रही। आज का डॉलर का भाव 72 रुपए तो ठवकर की पूड़ी 80 रुपए में बिक रही,वह भी चोरी छिपे।
शराब असली/नकली 4 गुणा से अधिक में उपलब्ध नागपुर जिले में शराब प्रेमियों की संख्या उल्लेखनीय हैं। साल के कुछ दिन छोड़ दिया जाए तो सालभर शराब प्रेमियों को कोई दिक्कत नहीं होती हैं। जिले में असली शराब के अलावा मध्यप्रदेश की शराब का खपत रिकार्ड तोड़ हैं। पिछले डेढ़ माह से शराब बिक्री पर सरकार ने पाबंदी लगा रखी हैं। नतीजा शराब प्रेमी संकट के दौर से गुजर रहे। ऐसे में नियमित शराब प्रेमियों को शराब उपलब्ध करवाने के लिए एक तबका पूर्ण सांठगांठ के साथ शराब बिक्री कर रहे हैं। इसमें पकड़ने वालों का शेयर भी शामिल हैं। यह भी सुनने में आ रहा कि शराब की खेप पकड़ने वाले ही पकड़ी गई शराब में से मामला दर्ज करने के पहले कुछ माल हटा कर कालाबाज़ारी कर रहे हैं।
आज की तारीख में हर दिशा में चुनिंदा शराब का धंधा कर रहे। इन्हीं में से मध्यप्रदेश के शराब की बिक्री भी कर रहे। आज शराब की कीमत चार गुणा तक पहुंच गई। इन दिनों अपराध में बार मे सेंधमारी का प्रमाण भी बढ़ गया,इसकी मूल वजह कालाबाज़ारी को छिपाना तो नही,यह भी सूक्षम जांच का विषय हैं।
खर्रा 40 रुपये में बिक रहा
नागपुर खर्रा के लिए प्रसिद्ध हैं। खर्रा की खासियत यह हैं कि इसका सेवन करने वाला कम से कम बोलता और ज्यादा से ज्यादा इशारा करता हैं। औसतन 10 में से 1 नागपुरी खर्रा का शौकीन हैं। आज लॉक डॉउन में खर्रा झोपडपटट्टियों में मिल रहा। जिसकी कीमत 20 से 40 रुपये प्रति खर्रा तक पहुंच चुकी हैं। क्योंकि सुपारी का टुकड़ा चोरी-छिपे बिक्री हो रही।
इसके अलावा सूखा नाश गांजा भी उपलब्ध हैं। इन दिनों जो गांजा की पूड़ी मिल रही, वह तरोताजा तो हैं नहीं,इसके अलावा मिल रही गांजा पूड़ी में भांग की मिलावट हैं। अर्थात जप्त माल की बिक्री हो रही।