शीतकालीन अधिवेशन में सरकार को घेरने की कवायद
उमरखेड़। मराठा समाज को दिया गया आरक्षण एक षडय़ंत्र के मार्फत स्थगनादेश के रूप में रुकवाने का काम किया गया है। इसका सभी स्तर पर विरोध करते हुए मराठा समाज की स्त्री-पुरुषों ने हजारों की संख्या में एकत्रित होकर आज 27 नवम्बर को सरकार को चेताने के लिए मोर्चा निकाला।
आने वाले 8 दिसम्बर को नागपुर में शीतकालीन अधिवेशन होने वाला है। भाजपा की सरकार में 288 में 145 विधायक मराठा समाज से हैं। सभा में सभी समस्या को हल अगर नहीं निकाला गया तो सभी विधायकों को घेर उक्त मुददा विधानसभा में रखने पर दबाव डालेंगे। इस दौरान कांग्रेस के आघाड़ी सरकार द्वारा दिए गए आरक्षण को तोड़-मरोड़ कर गलत तरीके से न्यायालय में पेश करने वाले याचिकाकर्ता केतन तिरोडकर का निषेध कर उसके प्रतीकात्मक पुतला संजय गांधी चौक में जलाया गया। असंगठित रूप में पहचाने जाने वाला मराठा समाज कभी वैभवशाली समाज था किंतु आज इसकी हालत बदतर हो चुकी है। सरकार की अन्यायपूर्ण निर्देशों के कारण यह दशा हुई है। इस निर्णय के विरोध में संवैधानिक पद्धति से आंदोलन के माध्यम से बच्चों के भविष्य के लिए आरक्षण वापस मिलने से हम खामोश नहीं बैठने की बात कही गयी। मराठा समाज के सभी पाटियों, संगठनों के पदाधिकारियों ने अपने विचार रख लोगों को आरक्षण मिलने तक अपनी भूमिका निभाने की बात कही।
इससे पूर्व मोर्चा दोपहर 1 बजे स्थानीय बाजार समिति के प्रांगण से निकाल कर सभा में तब्दील हुआ। अध्यक्ष के रूप में चिंतागराव कदम का चुनाव किया गया। मोर्चे में एड. अनंतराव देवसरकर, तातू देशमुख, प्रकाश पाटिल, देवसरकर, पूर्व विधायक विजय खड़से, सीताराम ठाकरे, एड. माधव माने, शिवाजी देशमुख (सवनेकर), जगदीश, नरवाड़े, साहेबराव पाटिल, प्रा. वि. ना. कदम, वसंत देशमुख, सुरेश कदम, बालाजी देशमुख, भीमराव चंद्रवंशी, राम पाटिल देवसरकर, अनिल नरवाड़े, संदीप ठाकरे, एड. संजीव जाधव, प्रविण सूर्यवंशी, निरंजन पाटिल (कदम), चक्रधर देवसरकर, राम कदम, गणेश कदम, संदीप घाडगे, डॉ. प्र. भा. काळे, शिवाजी माने, श्रीकांत देशमुख, पी.डी. शिंदे, डॉ. वंदना कदम, आशा देवसरकर, सविता कदम, ज्योति ढेंगे, वंदना घाडगे, मनीषा माने, वंदना वानखेड़े, शीला कदम, निकिता देवसरकर, शंकर तालंगकर, प्रेमराव वानखेड़े, प्रविण पाटिल मिराशे, कृष्णा पाटिल देवसरकर, प्रविण देवसरकर, अशोक कनवाडे, डॉ. विट्ठल चव्हाण, कल्याणराव माने, राजेश नलावड़े, रंजीत नलावड़े, डॉ. अनिल नलावड़े, पंडित पांगरकर, रामराव नरवाड़े, वसंतराव चव्हाण, बळवंत चव्हाण (तात्या), रामदास राणे, अनिल नरवाड़े, संदीप ठाकरे, संभाजी नरवाड़े, अरुण पाटिल, नागोराव वरवाड़े, संदीप ठाकरे, संभाजी वाघ, श्रीधर देवसरकर, जगदेराव देवसरकर, संजय माने, डॉ. कल्याण राणे, शामराव पाटिल, देवानंद मोरे, रामदास राणे, विलास मोरे, अनिल माने के साथ महागांव-उमरखेड़ तालुका के हजारों मराठा समाज के बंधु मोर्चे में शामिल थे।