Published On : Thu, Nov 27th, 2014

अचलपुर: नप की लापरवाही के कारण अचलपुर में फैला डायरिया

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अस्पताल में मरीजों भीड़, सेकड़ो बिमार

अचलपुर: अचलपुर में कई बिमारियों का सिलसिला चलता रहा है. बुखार,वायरल फिवर,टाईफाईड मलेरिया,गैस्ट्रो,जॉन्डिस जैसी कई बिमारिया अचलपुर में फैली हुयी थी. अचलपुर के उपजिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ वही अस्पताल में बिस्तर की कमी खुद ही कहानी बयां करती है. पिछले दो तीन महीने पहले उपजिला अस्पताल के अधिक्षक डॉ. मो.जाकीर ने नप के स्वास्थ विभाग और मुख्याधिकारी को इस विषय पर जानकारी दी थी साथ ही पानी पुरवठा विभाग की लापरवाही भी उजागर हुयी परंतु समय रहते इस पर नप प्रशासन ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया।  इसका नतीजा आज अचलपुर में दिखायी दे रहा है. बुखार,वायरल फिवर,टाईफाईड मलेरिया,गैस्ट्रो,जॉन्डिस जैसी कई बिमारियों ने शहर हिलाकर रख दिया है.हालही में अचलपुर परतवाडा में कई अस्पतालों में डेंग्यु का प्रकोप देखने मिल रहा है.जिससे अचलपुर के नागरिक इसे लेकर भयभीत हो चुके है.

 

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डायरिया और वायरल का प्रकोप
नप द्वारा जुड़वां शहर को जलापूर्ति की जाती है जो नागरिकों के लिए एक जिवनदान से कम नहीं। परंतु स्थिति यह है की जुड़वां शहर डायरिया और वायरल का प्रकोप शहर में चल रहा है जो की पानी जिवनदान होता है वही आज जनता का जिवन भक्षक बना हुआ है. करीब 15 दिनों से डायरिया परतवाडा के कई वार्डो में चल रहा था, परंतु आज यह स्थिती है की परतवाडा के मुगलाई में पूरा वार्ड ही जैसे बिमार पड़ा हुआ है. घर-घर उपजिला अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे है. जब से जलापूर्ति चंद्रभागा से रही तब ही से बिमारियों का प्रकोप चल रहा है. नलों से गंदा पानी टपक रहा है. नागरिकों की माने तो नलों से पानी रंग-बिरंगा आ रहा है. वहीं स्वास्थ विभाग की जानकारी है की पानी पिने के योग्य नहीं है. प्रत्येक 15 दिनों में पानी की जाँच होती है. जाँच में यह ही परिणाम सामने आते है की पानी दुषित है. पानी पुरवठा विभाग के कर्मचारियों अनुसार ब्लिचिंग पाउडर डाला जाता है लेकिन ये नागरिकों के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ है. चंद्रभागा धरण पर ही पानी फिल्टर कर के जुड़वां शहर को दिया जा रहा है. फिर किस बात की कमी है जो पानी गंदा मिल रहा है.

 

नप का पानी पुरवठा ही अस्वच्छ
अचलपुर नप पानी पुरवठा विभाग इन दिनों नागरिकों को अस्वच्छ और गंदा पानी पिला रहा है. लिकेज पाईप लाईन कई दिनों दुरुस्त नहीं होती, कई घरों के नल कनेक्शन नालियों से गुजरे हुए है, इस में लिकेज दिखाई नहीं देता है, नल बंद होने पर नालियों को गंदा पानी नलो के पाईप लाईनों में चला जाता है फिर दोबारा से यही दूषित पानी नागरिकों को मिल रहा है.

 

डायरिया जैसे मर्ज से लोग परेशान 
प्रत्येक वार्ड आज की स्थिती में दुषित पानी का उपयोग करने लगा है. वही नगर प्रशासन बेखबर कुंभ करन की निंद में है. अचलपुर के जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे हुए दिखाई दे रहे है. नगर अध्यक्ष पानी के बिलों पर जोर दे रहे है लेकिन दूषित पानी पर बात नहीं कर रहे है यही जनता आज चर्चा कर रही है. नल धारकों पर कोई हजारों में बिल थकित है. नप इस पर कार्रवाई करते हुए नल कनेक्शन काटने का काम करती है परंतु नल दोबारा शुरू कर लिया जाता है. नगर प्रशासन की अनदेखी कहे या फिर कुंभकरण की निंद लोगों के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ से कम नहीं।

 

मुख्याधिकारी की लापरवाही
अचलपुर नप को जब भी अमरावती विभाग के बाहर का मुख्याधिकारी मिला तब-तब अचलपुर शहर के साथ खिलवाड़ होता गया. नप में मुख्याधिकारी अपने घर जाने के लिए दो चार दिन जरूर लगा देते है. अब जब डायरिया फैला हुआ है. उस समय मुख्याधिकारी ही नप से नदारत है. जनता इस पद पर ऐसे व्यक्ति को देखना चाहती है जो विभाग का ही हो उसे स्थानिक समस्याओं को तुरंत हल करे और नागरिकों की मुलभुत सुविधाओं का ख्याल करे.
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