नागपुर: अब तक परिवहन विभाग पर कई प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं. मनपा प्रशासन भी मामला टालते रहा है. गत माह कुछ कंडक्टरों ने तब के एक पदाधिकारी को जो जानकारी दी, उसके अनुसार आपली बस में सेवारत अधिकांश कंडक्टर डिम्ट्स की शह पर टिकट की राशि की चोरी करते आ रहे हैं. इसके हिसाब से वर्ष भर में मनपा को ३० करोड़ रुपए का चूना लगाया जा चुका है.
उक्त कंडक्टरों के हिसाब से रोजाना प्रत्येक फेरी में प्रत्येक कंडक्टर से ६०० रुपए की चोरी करता है. जिसमें से ३०० डिम्ट्स के टिकट चेकर को देना होता है और जो इस सौदे में शामिल नहीं होता है, ऐसे कंडक्टरों को चोरी करते पकड़ कर नौकरी से बेदखल कर दिया जाता है. रोजाना सड़कों पर दौड़ रही बसों को २ शिफ्ट में चलाया जाता है. आज के हिसाब से ३७० बसों में से ७४० कंडक्टर तैनात हैं. साल में ३४० दिन ही बसें सड़कों पर दौड़ती हैं. सालना चोरी की राशि का आंकलन किया जाए तो मनपा खजाने को परिवहन विभाग और परिवहन विभाग के अधीनस्त परिवहन व्यवस्था का संचालन करने वाली डिम्ट्स लगभग ३० करोड़ का चूना लगा चुकी है.
परिवहन व्यवस्था के कंसल्टंट ‘डीआरए’ ने शुरुआत में ही मनपा प्रशासन को सलाह दी थी, कि इस व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालन करने के लिए मनपा को प्रत्येक माह २ करोड़ रूपए खर्च करने होंगे. तब उनकी सलाह को मनपा प्रशासन ने नज़रअंदाज किया था. आज की स्थिति में परिवहन विभाग का संचालन करने के लिए मनपा प्रशासन को प्रत्येक माह ११ करोड़ रुपए के आसपास खर्च वहन करना पड़ रहा है. जिसमें से ६ करोड़ रुपए की आय हो रही है. ढाई करोड़ की मासिक चोरी रोकी जाए तो मनपा प्रशासन पर साढ़े ३ करोड़ रुपए मासिक का भार यात्री हित में सहन करना पड़ेगा. इस सम्बन्ध में चोरी करवाने, करने और शह देने वाले सभी की मिलीभगत के कारण करोड़ों का घोटाला दबा दिया गया.
उक्त कंडक्टरों के हिसाब से एक माह पूर्व जब से वेरिफोन मशीन का इस्तेमाल परिवहन विभाग ने शुरू किया है. तब से रोजाना कलेक्शन में इजाफा हो रहा है. अब चोरी का नया तरीका ईजाद किया गया है जिसके तहत यात्रियों से पैसे तो ले लिए जाते हैं और उसे टिकट नहीं देते हैं. इसकी भनक लगते ही कल सभापति बंटी कुकड़े ने परिवहन विभाग व डिम्ट्स की जिम्मेदारी संभाली तो प्रकाश में आया कि टिकट का पैसा देकर भी बिना टिकट के यात्री यात्रा कर रहे. जबकि मनपा परिवहन विभाग डिम्ट्स को विजिलेंस स्टाफ के नाम पर १० स्टाफ प्रति १०० बस ५८७१ रुपए याने प्रत्येक माह लाखों में भुगतान कर रही लेकिन चोरी थम नहीं रही.
उक्त कंडक्टर ने जानकारी दी कि डिम्ट्स की निगरानी में मनपा के अधिकारी मनपा खजाने को चूना लगा रहे हैं.
– मनपा और डिम्ट्स के साथ हुए करार के अनुसार डिम्ट्स का प्रोजेक्ट डायरेक्टर माहीने में ५० % दिन नागपुर में रहना चाहिए। लेकिन वह एक भी माहीने में केवल ५ दिन से ऊपर नागपुर में नहीं ठहरते और परिवहन विभाग ने प्रत्येक माह डिम्ट्स द्वारा प्रस्तुत प्रोजेक्ट डायरेक्टर को पूरा वेतन जारी किया.
– डिम्ट्स के साथ हुए करार के अनुसार रोजाना कम से कम डेढ़ लाख यात्री यात्रा करना चाहिए, पर ऐसा न होने पर मनपा प्रशासन डिम्ट्स के मासिक बिल का २०% राशि बतौर जुर्माना काट लेंगी, लेकिन आज तक परिवहन विभाग इस मुद्दे को नज़र अंदाज किया जाता रहा.
– -डिम्ट्स के स्टाफ को लेकर परिवहन समिति की बैठक में सवाल खड़े हुए थे, सभापति ने डिम्ट्स के सभी कर्मियों की पहचान परेड करवाने का निर्देश परिवहन विभाग को दिया था. लेकिन परिवहन विभाग ने उसे नज़रअंदाज कर दिया.
– रेड बस ऑपरेटर की दर माह के बिल से डिम्ट्स लाखों में राशि काटने की सिफारिश कर परिवहन विभाग की वाहवाही लूट रही है. क्या डिम्ट्स की तैनाती मनपा प्रशासन ने इसलिए की है, क्या इसी उद्देश्यपूर्ति के लिए डिम्ट्स को मासिक करोड़ का भुगतान किया जाना तय किया गया.
– उक्त बस ऑपरेटरों को दिसंबर २०१७ का आधा भी भुगतान नहीं किया गया और प्रशासन सेवाओं में कोई समझौता भी नहीं करना चाह रहा है. आज की सूरत में करोड़ में बस ऑपरेटरों का मनपा पर बकाया है, जो प्राप्त करने के लिए मनपा मुख्यालय में दर-दर भटकते दिख जाएंगे.