पत्र-लिफाफों के लगे ढेर
अमरावती। ग्रामीण डाकसेवकों द्वारा अपनी प्रलंबित मांगों को लेकर दो दिनों से की जा रही हड़ताल के कारण देहातों में डाकसेवा पूरी तरह चरमरा गयी है. ग्रामीण के प्रत्येक डाकघरों में पत्रों और लिफाफों के ढेर जमा हो गये है. जिसमें विवाह पत्रिकाओं का सर्वाधिक समावेश रहने से लोगों को अपने रिश्तेदारों की शादी में सहभागी होने से वंचित रहने की नौबत आ गई है. नौकरी के लाकल लेकर से लेकर पार्सल भ समय पर नहीं पहुंचने से संकट खड़ा हो गया है.
मोझरी में डाकघर के बाहर ठिया
गुरुकुंज मोझरी के डाकघर के सामने डाकसेवक पंडाल डालकर बैठ गये है. पूरे राज्य में ग्रामीण डाकसेवक सातवे वेतन आयोग में समाविष्ट करने की प्रमुख मांग को लेकर 10 मार्च से हड़ताल पर है. केंद्र सरकार नये आयोग की सिफारिशे 1 जनवरी 2014 से लागू करने के लिये तैयार नहीं है.
दर्जनों गांवों में सेवा चरमराई
केंद्र सरकार ने पूर्व न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में ग्रामीण डाकसेवक कर्मचारियों के वेतन पुननिर्धारण के लिये समिति स्थापित करने की मांग की थी. गुरुकुंज मोझरी में डाक सेवकों की हड़ताल के कारण मोझरी, शिवणगांव, शेंदोला खुर्द, तलेगांव ठाकुर, वर्हा, पिंपलविहीर, शिरजगांव मो. तथा शेंदोला बु. में डाकसेवा बंद पड़ी है. हड़ताल में डाकसेवक जी.एस.उमप, आर.एन. खानजोडे, योगेश लंगडे, वासुदेव नागरमोते, प्रमोद धस्कट, सुमित कुरवाळे, गोपाल गुंबले, जी.एस. नांदेकर, के.एन.जोले, टी.एन. खोडे, पी.बी. ठाकरे, संजय पुनसे, जोत्सना चव्हाण, ए.पी. पाठक, एस.पी. तिजारे और आखरे सहभागी हुये हैं.