आलापल्ली (गड़चिरोली)। छत्रपति शिवाजी महराज के कार्य आज के युवाओं के लिए प्रेरणादाई है. उनके सुराज्य में सभी को समान न्याय मिलता था. जात-पात के खिलाफ नहीं तो अराजक्ता फ़ैलाने के खिलाफ उनकी लड़ाई थी. उनके इस सुराज्य का दुनिया ने आदर्श लेना चाहिए. ऐसा प्रतिपादन भद्रावती में सुरेश परसावार ने किया. वे आलापल्ली में आयोजित छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता थे.
इस दौरान मंच पर अध्यक्ष जगदीश सवरंगपते, सुखरू कोरेत, पराग दवंडे, सुरेश गड्डमवार जिप सदस्य विजय विठ्ठलानी रेड्डी सावकार, साईनाथ कोलपाकवार, संतोष मिश्रा, सीताराम सोननिया, किरण भादककर, नारायण कासेट्टीवार, सुभाष घुटे आदि उपस्थित थे. आगे परसावार ने कहा आज के युवाओं को सच्चा इतिहास और शिवाजी महाराज नही पता उन्होंने गडकोट और किले को भेंट देनी चाहिए. गडकोट से प्रेरणा मिलती है. आज के राजनेता महाराज के गौरवशाली इतिहास भूल गए है. शिवाजी महाराज रयत के राजा थे. उन्होंने अनेक जनकल्याणकारी योजना चलाई थी. उसमे युद्धतंत्र, गड़किले निर्माणकार्य, गमिनिकावा तंत्र का इस्तेमाल करके शत्रु के नाक में दम करके रखा था. उनके न्याय के अनेक उदाहरण आज भी दिए जाते है. उनके कर्म आज के समय में युवकों के लिए प्रेरणादाई है.
इस दौरान अांतरराष्ट्रीय महिला दिन के उपलक्ष पर जि.प. सदस्या विजया विठलानी और किरण भांदककर के हाथों सम्मान किया गया. इस कार्यक्रम के बाद आलापल्ली-नागेपल्लि शहर में रैली निकाली गई. घोड़े पर शिवाजी महाराज, पीछे मावले और उनके साथीदार आदि नजारा था. “जय भवानी जय शिवाजी” का जल्लोष किया गया. कार्यक्रम का संचालन मिलिंद खौड तथा आभार प्रदर्शन जयराम लोनबले ने किया. कार्यक्रम की सफलता के लिए कपिल घाडे, सुनील येन्नमवार, महेश देवालकर, संतोष अग्रवाल, मोहनीश पेंडोरे, राजू खीरची, शिवा पवार आदि ने प्रयास किया.