नागपुर: आरटीई के अंतर्गत स्कूल अलॉट होने के बावजूद भी पालक जब स्कूल में एडमिशन कराने गए तो वहां की प्रिंसिपल ने एडमिशन देने से साफ़ इंकार कर दिया. प्रिंसिपल का कहना था कि आरटीई के अंतर्गत उनकी स्कूल का रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार म्हालगी नगर में रहनेवाले प्रवीण इटनकर की बेटी दुर्गांशी का नंबर नरसाला स्थित वंजारी पब्लिक स्कूल में लगा है. प्रवीण इटनकर ने बताया कि चार दिन पहले जब वे स्कुल गए थे तो स्कूल में प्रिंसिपल मौजूद नहीं थी. तो स्कूल के अन्य ऑफिस कर्मियों ने उन्हें डॉक्यूमेंट लेकर स्कूल एडमिशन के लिए बुलाया था. मंगलवार को जब वे स्कुल गए तो उन्हें स्कूल की प्रिंसिपल ने एडमिशन देने से इंकार कर दिया. इस बारे में जब पीड़ित प्रवीण ने एडमिशन नहीं देने का कारण प्रिंसिपल से पूछा तो उनका कहना था कि आरटीई के अंतर्गत उनकी स्कूल का रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है. जिसके कारण वे एडमिशन नहीं दे सकती. प्रिंसिपल ने प्रवीण को यह भी सलाह दी कि इस बारे में शिक्षणाधिकारी से मिलकर उन्हें दूसरी स्कूल में एडमिशन देने के लिए कहे. 24 तारीख तक एडमिशन करना है, ऐसे में स्कूलों में एडमिशन नहीं मिलनेवाले पालक अब परेशान हो गए हैं.
इस पूरे मामले में शिक्षा विभाग की गलती के कारण विद्यार्थियों का नुकसान होने की नौबत आन पड़ी है. दरअसल कुछ महीने पहले शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करनेवाले स्कूलों का ऑटो-अपडेट रजिस्ट्रेशन कराया था. जिसका स्कूल संचालकों ने खुलकर विरोध किया था. आरटीई के अंतर्गत निधि नहीं मिलने की वजह से ही रजिस्ट्रेशन पर स्कूलों ने बहिष्कार डाला था. पुणे विभाग की ओर से पिछले वर्ष के स्कूलों के डाटा के अनुसार ही ऑटोअपडेट कर दिया गया था. जिसका पूरा खामियाजा पालकों और विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है.
शिक्षा विभाग की इस लापरवाही भरे मामले में आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद शाहिद शरीफ का कहना है कि गट शिक्षणाधिकारी ने जब रिपोर्ट बनाई थी तो उसकी जांच करनी चाहिए थी. स्कूलों की ओर से रजिस्ट्रेशन के लिए डॉक्यूमेंट नहीं देने के बावजूद भी ऑटोअपडेट रजिस्ट्रेशन कर दिया गया. शरीफ ने बताया कि एनसीपीसीआर (नेशनल कमिशन प्रोटेक्शन फॉर चाइल्ड राइट्स) के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी. स्कूल और शिक्षा विभाग दोनों ही इसके लिए जिम्मेदार हैं.
इस बारे में जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षणाधिकारी दीपेंद्र लोखंडे से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिसाद नहीं मिल पाया.