Published On : Sat, Jun 5th, 2021

WCL कर्मियों के प्रश्न पर INTUC से संलग्न संगठनों से चर्चा करना चाहिए था

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– सहायक श्रम आयुक्त की सलाह वेकोलि प्रबन्धन प्रतिनिधियों को,अगली सुनवाई 21 जून को,दोनों पक्ष दस्तावेज पेश करें

नागपुर : नागपुर : राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता-11 के लिए गठित होने वाली समिति में इंटक को प्रतिनिधित्व देने सम्बन्धी कोयला खदान श्रमिक संघ(KKSS) ने गत माह केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री को पत्र लिख मांग की थी,KKSS द्वारा दिए गए तर्क के मद्देनज़र मंत्रालय के निर्देश पर नागपुर स्थित सहायक श्रम आयुक्त देवेंद्र कुमार राम ने WCL प्रबंधन प्रतिनिधियों (GM PERSSONAL और GM IR उपस्थित थे) और KKMS अध्यक्ष आबिद हुसैन और महासचिव दुबे की गत 3 जून 2021 को उनके कार्यालय में बैठक ली.

बैठक में आयुक्त राम ने WCL प्रतिनिधि से कहा कि भले ही INTUC का अंतर्गत मामला न्यायालय में प्रलंबित हैं.लेकिन WCL क्षेत्र में INTUC से संलग्न RKKMS और KKSS WCL कामगारों के लिए सक्रीय हैं,मजदुर हित में दोनों संगठनों से चर्चा करना चाहिए था,इससे मजदूरों की समस्याओं का निराकरण हो सकता हैं.

आयुक्त राम ने WCL प्रतिनिधि और KKSS पदाधिकारियों को अगली सुनवाई 21 जून 2021 को सम्बंधित सम्पूर्ण कागजात प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

KKSS अध्यक्ष आबिद हुसैन ने सहायक श्रम आयुक्त राम को जानकारी दी कि उच्च न्यायालय ने WCL को INTUC की सदस्यता के तहत सभासदों का शुल्क काटने की अनुमति दी थी,इस मामले में WCL ने INTUC FEDRATION या फिर RKKMS/KKSS प्रतिनिधियों से चर्चा किये बिना RKKMS के हिसाब से प्रति सभासद 720 रूपए काट लिये,इस क्रम में KKSS के सभासदों से भी 720 रूपए काटे गए,जबकि KKSS की सदस्यता शुल्क 275 रूपए हैं.अर्थात इस मामले में WCL ने कोर्ट की अवमानना की हैं.

याद रहे कि KKSS (INTUC) के महामंत्री घनश्याम प्रसाद दुबे द्वारा केंद्रीय श्रम मंत्रालय को लिखे गए पत्र के अनुसार राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता-10 की समयसीमा 30 जून 2021 को समाप्त होने जा रही हैं,इसके साथ ही राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता-11 आगामी 1 जुलाई 2021 से लागु होगी।उसकी गठन की प्रक्रिया केंद्रीय श्रम मंत्रालय के निर्देश पर कोल् इंडिया (CIL),आंध्रपदेश की सिंगरेनी कोल् कंपनी(Singareni Collieries Company Limited) को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर चूका हैं.

KKSS पिछले 40 वर्षों से कोयला क्षेत्र में मजदुर हित में सक्रिय हैं,इनके सदस्यों की संख्या 40% हैं,इसके अलावा कोयला क्षेत्र में 4 अन्य संघठन सक्रिय हैं,जिनकी कुल सदस्यों की संख्या 60% हैं। पत्र द्वारा INTUC से संलग्न श्रमिक संगठनों का कोल् इंडिया व सहायक कंपनियों में सक्रियता सम्बन्धी ब्यौरा दिया गया.अर्थात राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता-11 के गठन के दौरान INTUC को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता हैं.इसके बावजूद 10 से 15 % कामगारों का संचलन करने वाली अन्य संघठनों को आमंत्रित किया जाना INTUC के साथ अन्याय होगा।

उल्लेखनीय यह हैं कि राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता 1 से लेकर 9 तक INTUC की भागीदारी रही,सभी समझौते के लिए गठित समितियों में INTUC के 6 प्रमुख और 6 पर्यायी प्रतिनिधि शामिल रहे हैं.

KKSS ने श्रम मंत्रालय से मांग की कि जब तक सुको और दिल्ली उच्च न्यायालय का INTUC का अंतर्गत विवाद पर फैसला नहीं आ जाता,तब तक INTUC के तीनों गुट(तिवारी,रेड्डी व दुबे ) के 2-2 प्रमुख और 2-2 पर्यायी प्रतिनिधियों को वेतन समझौते के लिए गठित होने वाली समिति में स्थान दिया जाए.इससे वेतन समझौते का सकारात्मक उद्देश्य को शत-प्रतिशत सफलता मिलेगी।

KKSS ने यह भी शंका जताई कि वेतन समझौता-10 में इंटक को शामिल न करने से समझौते में कई खामियां नज़र आई,जिससे मजदुर वर्ग में रोष है.KKSS की मांग हैं कि उन खामियों की पुनरावृत्ति न हो और साथ ही साथ उक्त समितियों में प्रतिनिधित्व भी मिले।

उक्त पत्र को केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने गंभीरता से लेते हुए नागपुर स्थित केंद्रीय सहायक श्रम आयुक्त देवेंद्र कुमार राम ने WCL और KKSS प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक गत 3 जून 2021 को ली थी,अगली बैठक 21 जून 21 को होने वाली हैं.