Published On : Tue, Oct 30th, 2018

जो व्यक्ति चार वर्ष में अपने पिता का स्मारक नहीं बना पाया वो राम मंदिर बनाने निकला है – अजित पवार

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सिंचन मामले पर जो कहना था अदालत में बता दिया

नागपुर: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के राम मंदिर निर्माण पर दिए गए बयान पर राष्ट्रवादी कोंग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने चुटकी ली है। पवार ने कहाँ जो व्यक्ति चार वर्षो में अपने पिता का स्मारक नहीं बना सका वो आज राम मंदिर बनाने की बात कह रहा है। ये बात सिर्फ चुनाव को देखते हुए कहीं गई है। शिवसेना दो गुटों को आपस में भिड़ा कर महज राजनीतिक रोटी सेकना चाहती है। लेकिन राज्य की जनता इनके ईरादे जान चुकी है।

पवार एक ठाकरे पर कड़क दिखे तो वही दूसरे ठाकरे पर नरम रुख दर्शाया। राज ठाकरे से गठबंधन पर अजित पवार ने कहाँ कि राजनीति में कोई स्थाई दुश्मन नहीं होता समय और परिस्थितियों के हिसाब से इसमें बदलाव होता है। पवार नागपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने बताया की अघाड़ी गठबंधन में समविचारी पक्षों को जोड़ने का प्रयास शुरू है।

कांग्रेस और राष्ट्रवादी पार्टी के गठजोड़ को लेकर दोनों दलों के प्रमुख नेताओं के बीच में एक बैठक हो चुकी है। आगामी बैठक 2 नवंबर को कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के घर में होगी जिसमे लोकसभा की सभी 48 सीटों पर चर्चा होगी। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक हमारे विचारों को मेल खाने वाले दल गठबंधन का हिस्सा बने। मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए पवार बोले कि मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना जलयुक्त शिवार पूरी तरह से विफल रही है। खुद सरकार की रिपोर्ट बताती है कि साढ़े सात हजार करोड़ रूपए इस योजना के माध्यम से खर्च करने के बावजूद राज्य की कई तहसीलों में जलस्तर डेढ़ मीटर तक नीचे गया है।

सिंचन का मामला न्यायालयीन इसलिए चुप्पी
सिंचन घोटाले को लेकर पवार से किये गए सवाल पर उन्होंने चुप्पी साढ़े रखी। उन्होंने कहाँ कि उन्हें जो कहना था और जो उनसे पूछा गया है उसका विस्तार से जवाब उन्होंने चार्जशीट में दे दिया है।

ईवीएम पर जताया भरोषा
देश के विभिन्न राजनीतिक दल और नेताओ द्वारा ईवीएम पर उठ रहे सवालो के बीच पवार ने अपना भरोषा ईवीएम मशीनों पर जताया। कर्नाटक में आये चुनाव नतीजे का उदहारण देते हुए उन्होंने कहाँ की अगर मशीनों में गड़बड़ी होती तो चुनाव का परिणाम बीजेपी के पक्ष में जाता। चुनाव आयोग ने मशीन पर आपत्तियों को आमंत्रित किया था लेकिन कोई भी व्यक्ति आयोग के पास नहीं गया।