Published On : Thu, May 25th, 2023

पालक व स्कूल प्रशासन फ़ीस विवाद के लिये बच्चों को प्रताड़ित नहीं किया जा सकता

जिलाधिकारी को राष्ट्रीय बाल हक़ आयोग कि ताकिद

नागपुर: कोवीड काल से दो विद्यार्थियों को शिक्षा के अधिकार से वंचित प्राध्यापक दिल्ली पब्लिक स्कूल कंमठी द्वारा किया जा रहा था । 2021 से विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल दिया गया और फ़ीस के विवाद में बच्चों को स्थानांतरण प्रमाण पत्र भी दिया नहीं ।

इसकी शिकायत लेकर पालक दर दर भटक रहे थे शिक्षा अधिकारी प्राथमिक ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए। ऐसी परिस्थिति में हुसैन दंपत्ति ने इसकी शिकायत मौखिक आरटिइ एक्शन कमेटी के चेयरमैन मो शाहिद शरीफ़ से की गई । शरीफ़ द्वारा आयोग को आरटीई अधिनियम २००९ का हवाला देते हुए नियम ५ के तहत स्कूल को किसी भी विद्यार्थी का स्थानांतरण प्रमाण पत्र रोकने का अधिकार नहीं,जिस कारण विद्यार्थी को यातना और उसके अधिकारों का हनन होने से प्रताड़ित होना इसके लिए अधिनियम का उल्लंघन स्कूल प्राध्यापक द्वारा किया जा रहा है।

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आयोग द्वारा शिकायत का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी नागपुर को पत्र दिया गया कि पालक व स्कूल प्रशासन के फ़ीस विवाद में बच्चों को प्रताड़ित नहीं किया जा सकता और उनके अधिकार उन्हें मिलना चाहिए इस संदर्भ में कार्रवाई १० दिन के अंदर दस्तावेजों सहित आयोग को जानकारी उपलब्ध कराए आदेश दिया गया।

शरीफ़ द्वारा शिक्षा अधिकारी प्राथमिक को सूचित किया गया है कि 10 दिन के भीतर स्थानांतरण प्रमाण पत्र विद्यार्थियों को प्राप्त न होने पर बाल अधिनियम 2005 के तहत शिक्षा अधिकारी प्राथमिक को भी प्रतिवादी बनाया जाएगा।

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