शिवाजी महाविद्यालय में आयोजित व्याख्यान में एच.एन. देसरडा का कथन
अकोला। श्री शिवाजी महाविद्यालय के वाणिज्य, अर्थशाशास्त्र व पूर्व विद्यार्थी संगठन की ओर से आयोजित व्याख्यान में अर्थशास्त्र विषय के जानेमाने तज्ञ एच.एन. देसरडा ने कहा कि आर्थिक विकास होने के लिए जनहित को ध्यान में रखना समय की जरूरत है. व्याख्यान के मंच पर संस्था के उपाध्यक्ष महादेवराव भुईभार, प्राचार्य डा. सुभाष भडांगे, डा. आशीष राऊत, डा.अनिल राऊत, डा. मिलिंद कुलट, डा.आर.के. शेख उपस्थित थे.
इस अवसर परप्रा. विशाल कोरडे व आरती कोल्हे के हाथोंमान्यवरों का सत्कार किया गया. देसरडाने आगे कहा कि हाल ही में पेश हुआ बजट सामान्य जनता के लिए नहीं बल्किपूंजीधारी वित्त व्यवस्था पर आधारित है. आम जनता को इस बजट में स्थान नहीं मिला है. बजट का खेल पुराना है केवल खिलाडी बदले हैं. निजीकरण, उदारीकरण व वैश्लीकरण के नाम परविदेश के सभी उद्योग भारत में लाने काषडयंत्र रचा जा रहा है. इसे रोक लगाना जरूरी है. जब तक हमें स्वातंत्र्य व भारतीय स्वातंत्र्य की महत्ता नहीं समझेगी तब तकहम बजट को नहीं समझ पाएंगे. आज का बजट लोकाभिमुख नहीं है. अध्यक्षीय भाषण में महादेवराव भुईभार ने कहा कि हमारी प्राकृतिक साधन संपत्ति काइस्तेमाल हमें उचित तरीके से करना होगा. किसान, मेहनतकश मजदूरों को हकदिलाने के लिए प्रयास करने होंगे. इस अवसर पर श्री शिवाजी महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में अतिथि व्याख्याता के तौर पर देसरडा की नियुक्ति की गई. कार्यक्रम का संचालन प्रा. राहुल माहुरे ने किया. इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी वछात्र बडी तादाद में उपस्थित थे .