महाल में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ जारी
नागपुर: कुलदेवी महिला मंडल की ओर से पितृपक्ष पर श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ महोत्सव दुर्गा देवी मंदिर, नवाबपुरा, महाल में जारी है. कथा का सुंदर रसपान चित्रकूट निवासी कथाकार बाल व्यास योगेश कृष्ण जी महाराज भक्तों को करा रहे हैं. कथा का समय दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक रखा गया है.
कथा के चैथे दिवस गुरुवार को कथा व्यास ने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के अवतार की कथा विस्तार पूर्वक सुनाई. उन्होंने कहा कि परमात्मा इस सृष्टि की अव्यक्त शक्ति हैं और दृश्यमान प्रकृति जिसमें यह संपूर्ण जीव जगत देह धरे हुए है, यह परमात्मा की ही निरंतर परिवर्तनशील भौतिक काया है. इस परिवर्तनशील प्रकृति को ही संसार कहते हैं. इस संसार में पुण्यकर्ता सज्जन और पापी दुर्जन दोनों तरह के तत्व हैं.
जड़ प्रकृति में जब पापी दुर्जनों का पापाचार बढ़ जाता है तो यह प्रकृति व्याकुल हो उठती है. इस पापाचार से व्याकुल संसार को बचाने के लिए बार-बार परमात्मा का कई रूपों में अवतरण होता रहा है और होता रहेगा. वैसे रामचरित मानस में कहा गया है कि परमात्मा के अनगिनत अवतार और लीलाएं हैं जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है. फिर भी हम श्रीमद् भागवत कथा में परमात्मा की प्रमुख लीला प्रसंगों का वर्णन करते हैं. युगों-युगों में दुष्ट पैदा हुए हैं और दुष्टों को समाप्त करने के लिए परमात्मा ने भौतिक शरीर में स्वयं को व्यक्त किया है. इनमें त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम राजा श्रीराम और द्वापर में श्रीकृष्ण के अवतार सर्वाधिक लोकप्रिय हुए हैं.
आज व्यासपीठ का पूजन महिला मंडल की अनिता दीक्षित, पूजा सोलंकी, माया सोनुले, सविता मेंढेकर, शोभा धोपटे, जया वारूलकर, शारदा पवार, सुनीता चैहान, रुक्मिणी राजकुमार, कंचन पवार, सरिता गहेरवार, संध्या आमदरे, जया वाघ, रूपाली नाकाड़े, ज्योति दिल्लीवाल, शालिनी मानापुरे, सविता ठाकुर, कल्याणी बैस, संजीवनी प्राणायाम, मीना बैस, शैला चंदेल, रीना राजुरकर, गायत्री कोहले, सुनीता बैस, अरूणा इटनकर, शेवंता शेंडे ने किया.