Published On : Tue, Dec 2nd, 2014

रामटेक : मौलिक विचार ही श्री गुरूजी की देन – डॉ. मोहन भागवत

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श्री गुरूजी के स्मृति भवन का लोकार्पण

Dr. Mohan Bhagwat
रामटेक (नागपुर)।
श्री गुरूजी का संपुर्ण जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था. उन्होंने अपना घर भी लोककल्याण के लिए दान दिया. आज सिर्फ अौपचारिकता के लिए लोकार्पण हो रहा है. श्री गुरूजी का सर संघचालक का काल अनेक संकटों का काल था. लेकिन सभी संकटों पर मात कर संघ को आगे बढ़ाया. मौलिक विचार देकर संघ को मजबुत किया है. ऐसा प्रतिपादन सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने रामटेक में दिया था.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरूजी के ‘स्वर्गीय ताई-भाउजी गोलवलकर स्मृती भवन’ का लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान वे कह रहे थे. इस दौरान हरिद्वार के भारतमाता मंदिर के कार्याध्यक्ष आचार्य  गोविंददेव गिरीजी महाराज विशेष अतिथी के रूप में उपस्थित थे. तथा भारतीय उत्कर्ष मंडल के अध्यक्ष संजय दानी, संघ सर कार्यवाहक भैयाजी जोशी, भारतीय उत्कर्ष मंडल के सचिव अतुल मोहरील, विदर्भ प्रांत के सहसंघचालक रामजी हरकरे, रामटेक जिला संघचालक जयंत मुरमुले व्यासपीठ पर उपस्थित थे. श्री गुरूजी के घर के लोकार्पण होने के बाद श्रीराम विद्यालय के प्रांगण पर लोकार्पण समारोह किया गया. प्रस्तावित रामटेक जिला संघचालक जयंत मुरमुले ने किया. उन्होंने इस स्मृती भवन के कार्य पर प्रकाश डाला.

Dr. Mohan Bhagwat  (2)
पूर्व सरसंघचालक भैयाजी जोशी और उमाभारती के हांथो भूमिपूजन किया गया. श्री गुरूजी का घर रामटेक जिला कार्यालय के लिए उपयोग होता है. शुरुवात में राष्ट्र सेविका समिती वर्धा की शांता आक्का प्रतिभा मेंढे के संदेश का वाचन किया गया. वैयक्तिक गीत के बाद आचार्य गोविंददेव गिरीजी महाराज ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक प.पू. माधव सदाशिवराव गोलवलकर(श्री गुरूजी) का लोककल्याण के लिए किये कार्य अपने भाषण द्वारा बताए. श्री गुरूजी संघ के कार्य को ईश्वर का कार्य समझते थे. स्वामी विवेकानंद के विचारों पर उनकी श्रद्धा थी. श्री गुरूजी आध्यात्मिक महापुरुष थे. श्री गुरूजी का जीवन पुरुषार्थ की प्रेरणा देता है ऐसा प्रतिपादन आचार्य गोविंददेव गिरीजी महाराज ने किया.

डॉ. मोहन भागवत ने श्री गुरूजी के व्यक्तिमत्व और कार्यों पर प्रकाश डाला. आध्यात्मिक उपासक, तर्कशक्ति, विचारशक्ति, पवित्रता यही उनकी ख़ासियत थी. संघ पर लगे गांधीजी के हत्या के आरोप से संघ को बाहर निकाला और शुन्य से संघ को उभारा. देश के लिए काम कर रहे युवां इस घर से प्रेरणा लेकर आगे बढे ऐसा डॉ. मोहन भागवत ने व्यक्त किया. चिन्मय अपराजित ने प्रस्तुत किये पसायदान से समारोह का समापन हुआ. सांसद कृपाल तुमाने, विधायक डी. मल्लिकार्जुन रेड्डी, पूर्व वि. एड.आशीष जैसवाल, वि. अनिल सोले, नागपुर के महापौर प्रवीण दटके समेत अनेक अतिथी समारोह में उपस्थित थे. अतिथियों का परिचय रामटेक जिला कार्यवाह उल्हास इटनकर ने किया. संचालन मिलिंद चोपकर ने किया. स्मृति भवन के लिए प्रयत्न करनेवालों का मान्यवरों के हाथों सन्मान किया गया.