हिंगना के रीजेंट स्कुल का मामला
नागपुर: एक तरफ सरकार शिक्षा का प्रसार और आखरी व्यक्ति को भी शिक्षा का लाभ मिले यह प्रयास कर यही है तो वही दूसरी तरफ शहर में ही इसका मखौल उड़ रहा है. स्कुल की फ़ीस नहीं भरने के कारण करीब 30 विद्यार्थियों को परीक्षा नहीं देने दी गई. यह मामले हिंगना के रीजेंट स्कुल का है. जानकारी के अनुसार हिंगना में इस स्कुल में देशजनहित पार्टी के अध्यक्ष बालू मेश्राम की भांजी जो 9 क्लास में पढ़ती है.
छात्रा की आर्थिक परिस्थिति काफी खराब है. उसकी परीक्षा शुरू होने की वजह से वह जब आज स्कुल गई तो उसे और उसके साथ करीब 30 बच्चों को फ़ीस नहीं भरने के कारण स्कुल मैनेजमेंट ने एग्जाम नहीं देने दी. इस बात की जानकारी छात्रा ने मेश्राम को दी. मेश्राम स्कुल पहुंचे तो मैनेजमेंट वालों ने पहले ही पुलिस बुलवाकर रख ली थी. मेश्राम ने वहां जाकर इसका विरोध किया. मेश्राम के अनुसार पुलिस के साथ ही ग्रामपंचायत के पदाधिकारी भी स्कुल पहुंचे और जिसके बाद स्कुल मैनेजमेंट ने बच्चो को पढ़ने और परीक्षा देने की अनुमति दी.
उन्होंने बताया की इस तरह से बच्चों को फ़ीस के लिए परेशान करना सीधे सीधे सरकार की पढ़ने की नीति का विरोध करना है. यह संस्थान पैसा कमाने के उद्देश्य से विद्यार्थियों का भविष्य खराब कर रहे है. छात्रा से 39 हजार रुपए मांगे जा रहे है. जबकि अन्य छात्रों से भी हजारों रुपए मांग रहे है. उनका कहना है कि इस बारे में वे कल शिक्षणाधिकारी को निवेदन सौपेंगे. इसके साथ ही इस मामले को लेकरमंत्रियो को भी शिकायत करेंगे.
इस पुरे मामले में रीजेंट स्कुल से संपर्क करने के लिए उन्हें कई बार फ़ोन लगाया गया और उन्हें मोबाइल द्वारा सन्देश भी भेजा गया. लेकिन उनकी तरफ से कोई भी प्रतिसाद नहीं दिया गया.

