नागपुर: व्यापारियों के हितार्थ एनवीसीसी का गठन वर्षों पूर्व हुआ था। आज इस संगठन में लगभग 1300 के आसपास आजीवन व वार्षिक सदस्य है। इनका कार्यकाल शीघ्र ही समाप्त होने जा रहा है। इसीलिए 31 जुलाई 2017 को होने जा रही आमसभा में नई कार्यकारिणी के चयन हेतु 20 या 25 अगस्त में से एक तिथि तय होनी है। यह चयन सीधे चुनाव से होगा या फिर विभिन्न गुटों में आपसी सहमति से, यह फैसला आमसभा करेगी। इस दफे चुनाव में वर्तमान अध्यक्ष के खेमे के अलावा भरतिया व दीपेन अग्रवाल गुट भी पुनः मैदान में उतरने की तैयारी में होने की जानकारी मिली है।
जब तक एनवीसीसी में बी.सी. भरतिया व दीपेन अग्रवाल सक्रिय थे, शहर के व्यापारियों पर उनकी अच्छी-खासी पकड़ थी, लेकिन संगठन से दूर होते ही यह पकड़ ढीली हो गई। इसलिए अब दोनों पूर्व: स्थिति कायम करने के लिए इस दफे मैदान में पुनः दिखाई दे सकते है। इसके अलावा पिछले कई वर्षों से एनवीसीसी की राजनीति में प्रकाश वाधवानी, हेमंत गांधी, राधेश्याम सारडा, मनुभाई सोनी, राजू व्यास गुट सक्रिय रहे है। पिछले वर्ष सम्पन्न हुए चुनाव में प्रकाश मेहड़िया गुट ने सभी गुटों से सीटों का बँटवारा कर एकतरफा चुनाव जीते थे। इस दफे मेहड़िया गुट से सत्ता छिनने के लिए भरतिया व दीपेन अग्रवाल सक्रिय होने की खबर है।
वजह यह प्रचारित किया जा रहा है कि, मेहड़िया ने खाकी-खादी धारियों से मधुर संबंध कायम रखते हुए, व्यापारी हित में एक भी आंदोलन नहीं किये, और नाही कोई उल्लेखनीय कार्य किये। उल्लेखनिय यह है कि, उक्त संगठन के चुनाव में 25% सदस्य ही अपने मत का उपयोग करते है। जानकारी मिली है कि, संगठन के सचिवपद तक पहुंचने के लिए राजू व्यास सक्रिय हो गए है। वहीँ मेहड़िया के गुट में 300 के करीब सदस्य है, जिसमें से 25-30 सक्रिय सदस्य भी हैं, जो की हर चुनाव में नज़र आते है।