– – कार्यवाई के भय से विदेशों जाने की तैयारी
नागपुर– पश्चिमी कोयला अंचल (वेकोलि) मे वाहन आपूर्ति ठेका फर्म नियोक्ता गुप्ता की E.S.I.C. अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ व सौदेबाजी के चलते मामले में लीपा-पोती करने की साज़िशों का भांडाफोड हुआ है.
इस प्रकरण की जल्द ही E.S.I.C. मुख्यालय नई दिल्ली के महानिदेशक और केन्द्रीय श्रम मंत्रालय को सविस्तार शिकायतों का ज्ञापन सौंपा जाएगा। तत्संबंध मे आल इंडिया सोसल आर्गेनाइजेशन के मुताबिक पिछले 15-20 सालों से वेकोलि मे वाहन आपूर्ति ठेका फर्म के सर्वेसर्वा गुप्ता की तीनों एजेंसियों मे कार्यरत 300 वाहन ठेका श्रमिकों की E.S.I.C. की चोरी,भविष्य निधि चोरी,न्यूनतम वेतन चोरी,जी.एस.टी. चोरी तथा अन्य भत्ते की चोरी करके नियम कानून की धज्जियां उडाई है।
पता चला है कि जब-जब E.S.I.C. निरीक्षक वाहन सरगना के गोंदिया स्थित कार्यालय पंहुते तब तब गुप्ता भूमिगत हो जाया करते है।यदि संयोगवश निरीक्षकों से मुलाकात हो भी गयी तो उन्हें टाल-मटोल जबाव और चंदा माधवन बतौर रिश्वत ले देकर वापस करते आ रहा है।अंततः कर्मचारी बीमा निगम की ओर से वाहन सरगना गुप्ता के खिलाफ श्रम न्यायालय नागपुर की ओर से उसे चेतावनी सूचना दी गई तब गुप्ता के होस ठिकाने आये। नतीजतन मिल-बांट खाओ की नीति अपनाकर एक सुनियोजित साजिश के तहत लंबी और मोटी सौदेबाजी करके मामले में लीपा-पोती की जा रही है। बताते हैं कि E.S.I.C. मुख्यालय को असलियत से गुमराह करते हुए मामला को दफनाने का प्रयास किया गया जा रहा है।उधर वेकोलि के क्षेत्रीय प्रबंधन,श्रम कल्याण अधिकारी तथा केन्द्रीय श्रम अधिकारी की चुप्पी साधे हुए मौन हैं।सूचना आवेदक द्वारा मांगी गई सूचनाएं छिपाने के लिए लोक सूचना अधिकारी लुकाछिपी कर रहे है।सूचना आवेदक ने मात्र सरगना गुप्ता की 3 फर्मों की जानकारी मांगी थी परंतु वेकोलि के लोक सूचना अधिकारी ने मांगी गई सूचना न देकर अन्य ठेका फर्मों की जानकारी पंहुचाया।नतीजतन वेकोलि मे व्याप्त अनियमितता लालफीताशाही और भ्रष्टाचार को उजागर करता है।
उधर वाहन सरगना गुप्ता अपनी साख बचाने के लिए मामले की शिकायत कर्ता तथा सूचना आवेदक के खिलाफ बनावटी और मनगढंत आरोप-प्रत्यारोप और बदनामी करने पर उतारु हैं।उधर वेकोलि के लोक सूचना अधिकारी ने अभि तक सरगना गुप्ता की तीनों एजेंसियों मे कार्यरत सभी ठेका श्रमिकों के नामों की सूची उपलब्ध कराने के लिए टाल-मटोल रवैया अपना रहा है।वेकोलि के एक ईमानदार अधिकारी ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि मामले को दबाते दबाते वाहन सरगना एक दिन आर्थिक रूप से कमजोर होकर जरुर जेल जाएगा।तब पता लगेगा कि असलियत को छिपाना कितना खतरनाक होता है। केन्द्रीय श्रम आयुक्त कार्यालय के सूत्रों की माने तो मामला को दबाया नही जा सकता है।आखिर जीत सत्य की होती है।वसर्तें पैरवी नैसर्गिक न्याय संगत होनी चाहिए।
भागने की फिराक मे है गुप्ता
सूत्रों के मुताबिक वाहन सरगना गुप्ता अपना वाहन आपूर्ति ठेका व्यवसाय को पेटी कान्टेक्ट में कार्य सौंप कर विदेश जाने की योजना बना रहा है।इस संबंध में गुप्ता मामले का अच्छी तरह से अध्ययन कर चुके हैं।अध्ययन के पश्चात उसे भनक लग चुकी है कि वह अपने मित्र शर्मा की सुनियोजित तरीके से हत्या करवाने की कलई खुलते ही वह सश्रम कारावास की सजा के अलावा वाहन श्रमिकों की 10 से 12 करोड रुपये का E.S.I.C.भविष्य निधि,आयकर,और जीएसटी की रकम तो भुगतान करना ही पडेगा।अन्यथा उसकी चल व अचल संपत्ति भी जप्त हो सकती है। इस अमानवीय दुर्गति से पीछा छुड़ाने के लिए वह विदेशों में अपना जीवन यापन करके वह मौजमस्ती के बिताना उसे बेहद पसंद आ रहा है। वह अनेक मर्तबा विदेश भ्रमण करके मौजमस्ती में रंग चुका है।