नागपुर – वेकोलि खदान से महानिर्मिति सह अन्य निजी एजेंसीयों को कोयला पहुंचाने के लिए महानिर्मिति या निजी एजेंसीयों द्वारा ट्रांसपोर्टर की मदद ली जाती है।ट्रांसपोर्टर अपने से संलग्न ट्रांसपोर्टर की मदद से उक्त सेवाएं देता है,यह नियम है लेकिन मुख्य ट्रांसपोर्टर से संलग्न ‘अजित’ की ट्रांसपोर्ट कंपनी ने खुलेआम कोयले की कालाबाज़ारी शुरू कर दी थी,जिसकी गत माह मामला प्रकाश में आया तो महानिर्मिति सह वेकोलि ने इसकी सेवाएं बंद कर दी लेकिन इसी कंपनी की गाड़ियां जो निजी एजेंसीयों का कोयला परिवहन कर रही है,उसे चालू रख एक नए आफत को आमंत्रण दे रही।
याद रहे कि ‘अजित ‘ की गाड़ियां कोहली रोड लाइन से संलग्न थी,इसकी 3 गाड़ियां कोयले की कालाबाज़ारी में धरी गई तो महानिर्मिति और वेकोलि ने इन तीनों गाड़ियों को बंद कर दिया,जबकि इस ट्रांसपोर्टर पर नियमानुसार कड़क कार्रवाई होनी चाहिए थी।
जब मामला सार्वजनिक हुआ तो कन्हान के पास राष्ट्रीय महामार्ग के टोल नाके से पिछले 2 माह का रिपोर्ट निकाला गया। जिसमें पाया गया कि 80 गाड़ी कोयला महानिर्मिति के कोराडी पॉवर प्लांट में जाने के बजाय टोल नाके से गुजर कर कापसी की ओर गई,अर्थात अच्छा कोयला कापसी में निजी कोल के ठेकेदारों को बेचा गया और उसका पत्थर वाला कोयला महानिर्मिति में उतारा गया। सूत्रों की माने तो पिछले 1 साल का टोल रिकॉर्ड टटोला जाता तो यह मामला और भी बढ़ सकता था।
उक्त जानकारी के आधार पर वेकोलि और महानिर्मिति ने कन्हान स्थित इंदर खदान में ‘अजित’ की गाड़ियां बंद कर दी लेकिन गोंडग़ांव खदान में निजी ठेकेदारों के लिए ‘अजित’ की गाड़ियों को अनुमति दिया जाना,वेकोलि प्रबंधन द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जाना कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नही होंगी। इस सूरत में कुछ समय शांत राह कर पुनः ‘अजित’ पुराना गोरखधंधा शुरू कर सकता है,यह संदेह स्थानीय खदान अधिकारियों ने व्यक्त किया हैं।
जानकारों के अनुसार ‘अजित’ ने 3 नई ट्रक की खरीदी कर उसे भी उक्त गोरखधंधे में उतारने का समय टटोल रहा है।